दबिश. एसआइटी ने मामले में की पहली बड़ी कार्रवाई
तीन पर था वारंट, एक अब भी फरार
भागलपुर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय में हुए नियुक्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने शनिवार को बीएयू के प्रभारी पदाधिकारी (नियुक्ति) आरबी वर्मा और सहायक निदेशक (नियुक्ति) अमित कुमार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया. एसआइटी के हेड डीएसपी रमेश कुमार की नेतृत्व में दोनों की गिरफ्तारी हुई.
आरबी वर्मा को बीएयू कैंपस में स्थित उनके आवास जबकि अमित कुमार को कैंपस के ही पास उनके किराये के मकान से गिरफ्तार किया गया.दोनों को निगरानी कोर्ट पटना भेज दिया गया. पटना निगरानी कोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ 16 मई को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि दोनों के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद से ही पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए सक्रिय थी. आने वाले समय में और लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो सकती है.
फरार वारंटी पूर्व वीसी डॉ मेवालाल का है रिश्तेदार
ललन तिवारी
सबौर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले को लेकर दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. तीसरा वारंटी रमेश चौधरी बताया जा रहा है, जो शायद विवि में नौकरी नहीं करते हैं, लेकिन पूर्व कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी के करीबी रिश्तेदार हैं. उसके विरुद्ध भी पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध हैं जिसके आलोक में कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया है.
इसकी भनक उन्हें लग गयी और वे भूमिगत हो गये. नियुक्ति घोटाले में पैसा लेना और फिर सेटिंग करने में वे अहम किरदार निभा रहे थे. उनके विरुद्ध कई लोगों ने लिखित और मोबाइल आॅडियो व वीडियो साक्ष्य पुलिस को उपलब्ध कराया है. हालांकि एसआइटी ने इसकी पुष्टि नहीं की है. लेकिन सूत्र बताते हैं कि शुक्रवार रात हुई गिरफ्तारी में जो आरोप हैं उससे ज्यादा आरोप उक्त वारंटी पर है. इधर विश्वविद्यालय में कार्यरत एक पदाधिकारी की पत्नी भी विश्वविद्यालय में ही कार्यरत है. उनके संबंध में भी एसआइटी को बहुत जानकारी मिली है जो संदेह के घेरे में है. यदि जानकारी सही निकली तो उन पर भी एसआइटी दबिश दे सकती है.
गिरफ्तारी से विश्वविद्यालय में खलबली
नियुक्ति घोटाले में आरोपित डॉ आरबी वर्मा एवं अमित कुमार को गिरफ्तार करने गयी एसआइटी की टीम का नेतृत्व मुख्यालय डीएसपी रमेश कुमार कर रहे थे. सुबह गिरफ्तारी की सूचना फैलते ही विश्वविद्यालय में खलबली मच गयी. वैसे तो विश्वविद्यालय के कुलपति, डीन, डायरेक्टर सहित सभी पटना में हैं, लेकिन जो लोग यहां हैं उनके चेहरे पर इस गिरफ्तारी के बाद दहशत साफ दिख रही थी.
सबसे ज्यादा बेचैनी सहायक प्राध्यापकों में दिखी. बता दें कि नियुक्ति घोटाले में पूर्व कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी जहां मुख्य आरोपित हैं, वहीं उनके बाद ये दोनों थे. डॉ आरबी वर्मा नियुक्ति शाखा के इंचार्ज थे, तो सहायक इंचार्ज अमित कुमार थे. इतना ही नहीं डॉ आरबी वर्मा नियुक्ति संबंधी कई कमेटियों में निर्णायक पद पर भी रहे हैं.
हो सकती हैं और गिरफ्तारियां
सूत्रों की मानें तो इस मामले में अभी एक दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. इनमें चयन कमेटी से लेकर स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य और कुछ सहायक प्राध्यापक भी हो सकते हैं. उधर सहायक प्राध्यापकोें ने शनिवार की शाम एकत्रित होकर इस गिरफ्तारी का विरोध किया.