कैसे बने स्मार्ट सिटी
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शाम ढलते ही अंधेरे में डूब जाता है लोहिया पुल
कैसे बने स्मार्ट सिटी तीन साल से गैर जिम्मेदार बना है नगर निगम भागलपुर : स्मार्ट सिटी में रोजाना शाम ढलते ही लोहिया पुल अंधेरे में डूब जाता है. यह सिलसिला पिछले तीन साल से है. नगर निगम को कोई फिक्र नहीं है. लोहिया पुल से रोजाना लगभग 30-40 हजार लोग गुजरते हैं. पूर्व में […]
तीन साल से गैर जिम्मेदार बना है नगर निगम
भागलपुर : स्मार्ट सिटी में रोजाना शाम ढलते ही लोहिया पुल अंधेरे में डूब जाता है. यह सिलसिला पिछले तीन साल से है. नगर निगम को कोई फिक्र नहीं है. लोहिया पुल से रोजाना लगभग 30-40 हजार लोग गुजरते हैं. पूर्व में छिनतई, दुर्घटना, मौत आदि घटनाएं हो चुकी है. पुल से स्टेशन चौक और बस स्टैंड जानेवाले रास्ते के दोनों ओर स्ट्रीट लाइट लगी है. इसमें एक या दो ही स्ट्रीट लाइट जलती है. पुल के दक्षिणी हिस्से मोजाहिदपुर थाने की ओर तो स्ट्रीट लाइट लगी ही नहीं है.
केबल खराब रहने से नहीं जलती स्ट्रीट लाइट. केबल में खराबी से लोहिया पुल की स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है. कई स्ट्रीट लाइट का वेपर फ्यूज है, जिसको सालों से बदला नहीं गया है. तीन साल पहले जब नगर निगम ने वेपर लाइट की मरम्मत करायी थी, तो उस दौरान केबल में खराबी होने का मामला सामने आया था. टालमटोल में तीन साल बीत गये हैं, लेकिन केबल नहीं बदलाया. फ्यूज वेपर को भी अभी तक बदलने की कोई पहल नहीं हो रही है.
हाइमास्ट लाइट को लेकर अभी तक निर्णय नहीं. अंदरूनी शहर में अभी भी हाइमास्ट लाइट बंद है. इसे चालू कराने की दिशा में अबतक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. हाइमास्ट का लाइट काटे अब एक माह बीतने को है. कमिश्नर के संज्ञान लेने के बावजूद फ्रेंचाइजी कंपनी ने एक नहीं सुनी. नगर निगम पर बकाया राशि को लेकर हाइमास्ट की लाइट काटी गयी है. चौक-चौराहे अंधेरे में डूबे हैं.
लोहिया पुल पर लाइटिंग व्यवस्था की जिम्मेदारी एनएच की नहीं है. जिसकी िजम्मेदारी है वह देखेगा पुल पर लाइटिंग व्यवस्था.
अखिलेश कुमार, कार्यपालक अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर
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