भागलपुर: इंजीनियरिंग कॉलेज में राष्ट्रीय स्तर की संस्था ट्रिपल आइटी की स्थापना में कैंपस स्थित आम का बगीचा बाधक बन सकता है. आम के पेड़ काटने के लिए कई कानूनी प्रावधानों से संस्थान को गुजरना होगा.
अनुमति मिलने के बाद ही निर्माण कार्य किया जा सकेगा. शुक्रवार को ट्रिपल आइटी कैंपस के लिए जगह चिह्नित करने आयी केंद्रीय टीम के सदस्यों ने माना था कि आम का बगीचा से कुछ कठिनाई हो सकती है. लगभग 1200 आम के पेड़ से हरा-भरा करीब 25 एकड़ के बगीचा का आधा हिस्सा ट्रिपल आइटी के कैंपस में चला जायेगा. ऐसे में निर्माण के दौरान सावधानी बरती गयी, तो पेड़ों को बचाया जा सकता है.
बोले निदेशक : बिहार सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के निदेशक अतुल सिन्हा का कहना है कि आम के पेड़ों को बचाने पर विचार किया जा रहा है. यह कोशिश रहेगी कि कम से कम पेड़ कटे या फिर काटना ही न पड़े. भवनों को सात मंजिला बनाने पर जोर दिया जायेगा, ताकि कैंपस में स्पेस अधिक रहे और पेड़ भी बच जाये.
वन विभाग से एनओसी जरूरी : वन विभाग के रेंज ऑफिसर बीके सिंह ने बताया कि शीशम और सागवान के पेड़ काटने पर प्रतिबंध है. इसे काटने के लिए कई प्रावधानों से गुजरना पड़ता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि आम के पेड़ बिना नियम-कायदे के कट जाये. वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना जरूरी है.