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नल में नाले का पानी पेयजल संकट. सूखी गंगा, वाटर वर्क्स के इंटक वेल में मात्र दो इंच जल

भागलपुर : वाटर वर्क्स से गंगा दूर हो गयी है. अब नाला के पानी की ही पेयजल के रूप में आपूर्ति की जा रही है. बरारी वाटर वर्क्स से हर दिन 38 लाख गैलन पानी की सप्लाई हो रही है. लेकिन यह गंगा का नहीं, नाला का पानी है. यह स्थिति पिछले एक महीने से […]

भागलपुर : वाटर वर्क्स से गंगा दूर हो गयी है. अब नाला के पानी की ही पेयजल के रूप में आपूर्ति की जा रही है. बरारी वाटर वर्क्स से हर दिन 38 लाख गैलन पानी की सप्लाई हो रही है. लेकिन यह गंगा का नहीं, नाला का पानी है. यह स्थिति पिछले एक महीने से है. शहर की जलापूर्ति योजना और मेंटेनेंस का काम देख रही पैन इंडिया एजेंसी ने भी माना कि इंटकवेल में मशीन द्वारा जो पानी खीचा जा रहा उस पानी में नाला का पानी मिला है. अगर कोई उस जगह पर आकर स्थिति देख ले तो पानी पीना बंद कर दे.

वैसे शहर में अभी जिस पानी की आपूर्ति हो रही वह कजली जमा और बदबूदार है. यह पानी शहर के लोगों को बीमार कर सकता है. खुद एजेंसी के प्रोजेक्टर हेड ने भी स्वीकार किया है कि इंटक वेल के पास जो पानी इकट्ठा है, वह अशुद्ध और नाला का ही पानी है. वह इसके लिए अभी बुडको को भी दोषी मान रहे हैं. उन्होंने गंगा की धार का पानी इंटक वेल तक आने का काम कराने को लेकर पत्र लिखा है. लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. अभी वाटर वर्क्स के दोनों इंटक वेल के पास दो इंच पानी ही बचा है. कुछ दिनों तक यही हाल

रहा तो शहर में पानी की सप्लाई बंद हो जायेगी.
इंटक वेल के सामने बदबू : इंटकवेल वेल के सामने जो पानी जमा है उस पर काई जम गयी है और वह बदबू कर रहा है. पुल घाट में गंगा के पानी में नाला का पानी गिर रहा है. खंजरपुर, आदमपुर, मानिक सरकार इलाके के नाला का पानी यही इकट्ठा हो रहा है. एक माह पहले इंटकवेल के पास 20 इंच पानी था, वह भी गंगा का पानी.
कुछ दिनों तक यही हाल रहा तो बंद हो जायेगी पानी की आपूर्ति
जो पानी सप्लाई हो रही उसमें भी आ रही बदबू
एक माह पहले इसी जगह था 20 इंच पानी
किसी भी समय हो सकता है सप्लाई बंद
एजेंसी ने बुडको को कार्य योजना बनाने के लिए लिखा पत्र, कोई भी नहीं आया निर्देश
हम क्या करेें, पिछले साल का भी 70 लाख बकाया है
पैन इंडिया एजेंसी भी अपना रोना रो रही है. एजेंसी के अधिकारी का कहना है कि पिछले साल गरमी के समय गंगा के धार को इंटकवेल तक लाने के लिए बुडको की स्वीकृति पर 60 से 70 लाख रुपये नहर और जेनरेटर लगाने में खर्च हुए थे. वह राशि भी अभी तक नहीं मिली है. इस बार पिछली राशि मिलने और एडवांस राशि मिलने पर ही एजेंंसी काम करेगी.
जांच रिपोर्ट में पानी गंदा पाया गया था : पिछले साल वार्डों में सप्लाई के पानी में गंदा और कीड़ा निकलने को लेकर निगम द्वारा दिल्ली की एजेंसी से जांच करवायी गयी थी. एजेंसी ने माना था कि यह पानी पीने लायक नहीं है. उसके बाद एजेंसी द्वारा कुछ सुधार किये गये थे. लेकिन फिर से गंदा पानी की आपूर्ति हो रही है.
पैन इंडिया ने भी माना, नाले का है पानी
वाटर वर्क्स के पास दोनों इंटकवेल के पास जो पानी है उसमें वास्तव में गंदा पानी है. गरमी में गंगा की धार को इंटकवेल तक लाने के लिए बुडको को पत्र लिखा गया है. लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. पिछले साल गंगा की धार का इंटकवेल तक लाने के लिए 60 से 70 लाख खर्च किये गये, लेकिन अभी तक वह राशि नहीं मिली है.
शशिमोहन, प्रोजेक्ट हेड, पैन इंडिया एजेंसी

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