लोहिया पुल. मरम्मत के नाम पर केवल बड़ी-बड़ी बातें, काम कुछ भी नहीं
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डिप्टी सीएम का निर्देश रद्दी की टोकरी में
लोहिया पुल. मरम्मत के नाम पर केवल बड़ी-बड़ी बातें, काम कुछ भी नहीं बढ़ता जा रहा ज्वाइंट एक्सपेंशन का दरार, वाहनों के चलने से कांपने लगता है पुल भागलपुर : विक्रमशिला सेतु की मरम्मत कार्य तो शुरू हो गया है, मगर शहर के बीचों-बीच अवस्थित लोहिया पुल का दिन कब बहुरेंगे, यह अबतक संशय बना […]
बढ़ता जा रहा ज्वाइंट एक्सपेंशन का दरार, वाहनों के चलने से कांपने लगता है पुल
भागलपुर : विक्रमशिला सेतु की मरम्मत कार्य तो शुरू हो गया है, मगर शहर के बीचों-बीच अवस्थित लोहिया पुल का दिन कब बहुरेंगे, यह अबतक संशय बना है. मरम्मत को लेकर एनएच विभाग और पुल निर्माण निगम के बीच के विवाद को सुलझने से चार माह गया है. सितंबर में डिप्टी सीएम ने प्रमंडलीय स्तर की समीक्षा बैठक में उक्त विवाद को सुलझाया था. उन्होंने एनएच विभाग को लोहिया पुल का मरम्मत कराने का निर्देश दिया था. यही नहीं, अक्तूबर में प्रमंडलीय आयुक्त ने भी दावा किया था कि एक माह में लोहिया पुल का मरम्मत कार्य शुरू करा दिया जायेगा. मगर, स्थिति जस की तस बनी है.
इन चार माह में एनएच विभाग ने लोहिया पुल की मरम्मत के नाम पर केवल एस्टिमेट बनाया है, वह भी मुख्यालय ने खामियां बता कर लौटा दिया है. इससे पहले मरम्मत के नाम पर पुल निर्माण निगम और एनएच विभाग के बीच विवाद गहराया रहा. तत्कालीन चीफ इंजीनियर केदार बैठा ने कई बार निर्देश दिये थे. फिर भी न तो डीपीआर बना और न ही रखरखाव का काम हो सका. एनएच विभाग स्थायी तौर पर कार्यपालक अभियंता नहीं मिलने से पुल के रखरखाव को लेकर कोई योजना नहीं बन सकी थी. पथ निर्माण बांका के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार को एनएच का प्रभार मिला था, तो इनके द्वारा भी रखरखाव का काम तो दूर, डीपीआर तक नहीं बनाया जा सका था. इसके बाद कई कार्यपालक अभियंता आये और गये, मगर स्थिति जस की तस बनी रही.
लोहिया पुल गिन रहा अंतिम सांस
रखरखाव के अभाव में लोहिया पुल अंतिम सांसें गिन रहा है. ज्वाइंट एक्सपेंशन की गेपिंग बढ़ती जा रही है. मरम्मत के नाम पर केवल बहानेबाजी हो रही है. पिछले साल एनएच विभाग ने गड्ढों को मेटेरियल से तो भरा है, मगर पुल काफी कमजोर हो चुका है. वाहनों के परिचालन से पुल कंपन करने लगता है. रेलिंग टूट गयी है. पुल का स्लैब एक-दूसरे के समानंतर नहीं रहता है. गड्ढों के कारण पहले कई लोगों की जान जा चुकी है और वर्तमान में भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. पुल पर सेंट टेरेसा की शिक्षिका की मौत हो चुकी है.
कहां फंसा है मरम्मत का मामला
एनएच विभाग ने अक्तूबर में लगभग 82 लाख का एस्टिमेट बना कर मुख्यालय को भेजा. मगर, इसमें कुछ खामियां बता कर लौटा दिया गया है. एस्टिमेट का संशोधन किया जा रहा है. एस्टिमेट में लाइटिंग व्यवस्था को दुरुस्त करने पर होने वाले खर्च को शामिल किया जा रहा है.
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