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बाइकर्स के फर्राटे व चरागाह पर लगेगी रोक

भागलपुर: सेंट्रल जेल रोड स्थित हवाई अड्डा अब मौज-मस्ती की जगह नहीं रह जायेगी. मनमाने ढंग से इस जगह का इस्तेमाल करना महंगा पड़ जायेगा. दरअसल जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिलास्तरीय समिति ने बुधवार को लैंडिंग चार्ज कम करने का जो फैसला लिया है, उसमें यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि हवाई अड्डा […]

भागलपुर: सेंट्रल जेल रोड स्थित हवाई अड्डा अब मौज-मस्ती की जगह नहीं रह जायेगी. मनमाने ढंग से इस जगह का इस्तेमाल करना महंगा पड़ जायेगा. दरअसल जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिलास्तरीय समिति ने बुधवार को लैंडिंग चार्ज कम करने का जो फैसला लिया है, उसमें यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि हवाई अड्डा पर बीएमपी के एक प्लाटून (30 जवान) तैनात किये जायेंगे. बीएमपी जवानों के तैनात होने के बाद बिना अनुमति हवाई अड्डा के भीतर घुसना मुश्किल होगा.

इसका इस्तेमाल शॉर्ट-कट रास्ते के रूप में किये जाने पर रोक लग जायेगी. वर्तमान में हवाई अड्डा की अराजक स्थिति बनी हुई है. दिन भर विभिन्न इलाकों से पशु आकर चरते रहते हैं. लोगों ने इस जगह पर अराजक स्थिति पैदा कर दी है.

गांजा की फूंक मारते लोग, बाइक व कार लेकर मैदान में दौड़ाते चालक यहां देखे जा सकते हैं. स्थिति यह होती है कि कभी विशेष परिस्थिति में जब यहां विमान उतरनेवाला होता है, तो पहले यहां पुलिस के जवानों को मैदान से पशुओं को खाली करने में लगाया जाता है. इसके बाद ही विमान उतर पाता है. विमान उतरने के दौरान यह आशंका बनी रहती है कि कहीं कोई पशु विमान के सामने न आ जाये. हवाई अड्डा के बीच से कई शॉर्ट-कट रास्ते बने हुए हैं, जो जेल रोड को विभिन्न मोहल्लों से जोड़ते हैं. इस रास्ते को बहाल रखने के लिए लोगों ने चहारदीवारी को कई जगहों पर तोड़ दिया है. हवाई अड्डा के भीतर से मिट्टी तक काट कर लोग ले जाते हैं. इसके कारण कई स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं.
पूर्व डीएम ने नहीं दी थी लैंडिंग चार्ज कम करने की अनुमति
भागलपुर में बी श्रेणी का एयरपोर्ट है. स्काई फिशर एयरवेज लिमिटेड को नागरिक विमानन निदेशालय, बिहार की ओर से एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मानक दर 750 रुपये प्रति लैंडिंग चार्ज की स्वीकृति मिली थी. एयरवेज कंपनी के एमडी ऋषिकेश मिश्रा ने 30 जुलाई 2013 को बैठक के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी प्रेम सिंह मीणा को इस बात से अवगत कराया था. इस आधार पर बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग उठायी थी. लैंडिंग शुल्क कम कर हवाई सेवा शुरू कराने का तत्कालीन डीएम से अनुमति मांगी थी. तत्कालीन डीएम नहीं माने और लैंडिंग चार्ज 63 हजार रुपये वसूले जाने की बात बतायी गयी थी. एयरवेज कंपनी के निवेदन पर तत्कालीन डीएम ने इन सुविधाओं को नागरिक विमानन निदेशालय स्तर से उपलब्ध कराने के लिए कंपनी निदेशालय से अनुरोध करने का केवल भरोसा दिलाया था. भागलपुर एयरपोर्ट पर एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एआइआइ) की ओर से न तो किसी तरह की कोई भी ढांचागत व सुरक्षा आदि सुविधा उपलब्ध करायी गयी थी और न ही लैंडिंग चार्ज माफी की बात मानी गयी थी. केवल जिला प्रशासन की ओर से यह कहा गया था कि सुरक्षा, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, दंडाधिकारी आदि की सुविधा भुगतान के आधार पर उपलब्ध करायी जायेगी.

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