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पार्षद राजनीति में व्यस्त, पब्लिक त्रस्त

नगर निगम. शहर की समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं नगर निगम में अभी शह-मात का खेल चल रहा है. उधर जनता वर्तमान व भावी संकट से परेशान हैं. यह स्थिति तब है, जब मेयर, डिप्टी मेयर व पार्षदों का कार्यकाल एक साल भी नहीं बचा है. शहर के कई बड़े नाले खुले हुए और […]

नगर निगम. शहर की समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं

नगर निगम में अभी शह-मात का खेल चल रहा है. उधर जनता वर्तमान व भावी संकट से परेशान हैं. यह स्थिति तब है, जब मेयर, डिप्टी मेयर व पार्षदों का कार्यकाल एक साल भी नहीं बचा है. शहर के कई बड़े नाले खुले हुए और कचरे से भरे हुए हैं. जलापूर्ति व्यवस्था बदहाल है. गरमी में भी कट-कट कर बिजली आपूर्ति हो रही है. ऐसे में यह शहर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगा.
भागलपुर : शहर के मुख्य मार्गों में तो कूड़े-कचरे का उठाव शुरू हुआ, लेकिन गली-मुहल्ले में अब भी वहीं समस्या बनी हुई, जो 10 दिन पहले थी. लोग कहने लगे हैं कि शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए तो व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. आदमपुर के सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार साह ने बताया कि बरसात आने पर भी आकाशवाणी चौक के समीप के नाला की सफाई नहीं हुई, इससे थोड़ी बारिश में सड़क पर गंदा पानी बहने लगता है. वहीं अधिवक्ता संजय सिंह ने कहा कि चारुचंद्र मुखर्जी लेन में महीनों से नाले की सफाई नहीं हुई. सीएमएस के समीप के अधिवक्ता आरएम भादुड़ी ने बताया कि नाला व नाली की सफाई निरंतर नहीं होता है. होता भी है, तो कूड़े का उठाव समय पर नहीं होता.
दही टोला लेन चौक के गिफ्ट व्यवसायी आशुतोष नंदन शर्मा का कहना है कि बाजार क्षेत्र के नाली व नाले की सफाई निरंतर किया जाये, तो सप्ताह भर कचरे का ढेर सड़क पर नहीं लगेगा. वेराइटी चौक के इलेक्ट्रिकल व्यवसायी नवनीत ढांढनियां ने बताया कि दिनभर में दो से तीन बार छोटी गाड़ी द्वारा बाजार के वेस्टेज का उठाव हो. मसजिद लेन के जूता व्यवसायी अज्जु का कहना है कि यूरिनल नहीं होने के कारण लोगों को पेशाब के लिए नाले किनारे जाना पड़ता है.
सप्लाई के पानी में कीड़ा निकलने का सिलसिला जारी : पिछले तीन माह से निगम के सप्लाई के पानी में कीड़ा निकलने और पानी के गंदा निकलनेे का सिलसिला जारी है, लेकिन इसके बाद भी जलापूर्ति योजना को संभाल रही पैन इंडिया एजेंसी और बुडको के द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पिछले माह नगर आयुक्त द्वारा दिल्ली की एक कंपनी से पानी की जांच करायी गयी. एक सप्ताह पहले आयी रिपोर्ट में सप्लाई के पानी में हद से अधिक बैक्टीरिया की मात्रा बतायी गयी. पानी में फ्लोराइड की मात्रा को भी अधिक बताया है.
नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह ने इस बात की जानकारी बुडको के अधिकारी को दी और एजेंसी पर कार्रवाई करने और पानी को सही करने का निर्देश भी दिया है. लेकिन इसके बाद भी अभी तक इस पर कोई कारवाई नहीं की गयी है. दिन जब सप्लाई का पानी शुरू होता है तो कीड़ा निकलना शुरू हो जाता है. जब इस बारे में एजेंसी के जीएम शशि मोहन से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.
गली-मोहल्ले में गंदगी का अंबार
बाजार में बढ़ा मच्छर का प्रकोप
व्यवसायियों का कहना है कि बाजार में सफाई व्यवस्था के लिए नगर निगम प्रशासन को खास पहल करनी होगी. खलीफाबाग चौक, वेराइटी व इनारा चौक, लोहापट्टी-सब्जी मंडी चौक, हड़ियापट्टी, मारवाड़ी टोला समेत अन्य मुख्य बाजार क्षेत्र इन दिनों गंदगी से पटा हुआ है, जिससे व्यवसायी ही नहीं ग्राहकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. खासकर मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ गया है.
वार्ड 34 पेयजल के लिए हाहाकार
डेंजर जोन को और भी मौतों का इंतजार
दो वर्ष पहले सीएमएस हाइस्कूल के सामने हुई अमन की नाले में डूबने से हुई मौत की घटना से अब भी नगर निगम सचेत नहीं हुआ है. काफी मांग उठने के बाद घटना वाले नाले पर बेरिकेडिंग करा कर नगर निगम की ओर से अपनी जिम्मेवारी की इतिश्री कर ली गयी, जबकि शहर में आदमपुर स्थित सीएमएस स्कूल के सामने के बड़ा नाला के अलावा भी और भी खतरनाक नाले हैं, जहां पर बेरिकेडिंग नहीं होने से आये दिन लोग दुर्घटना के शिकार होते हैं. है.
विवि हथिया नाला में प्राय: गिरते हैं विद्यार्थी : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय समीप स्थित हथिया नाला में प्राय: लोगों के गिरने की दुर्घटना होती रहती है. बमकाली स्थान रोड स्थित नाला: बमकाली स्थान रोड स्थित नाला की गहराई छह फीट है. यह नाला सखीचंद घाट में जाकर मिलती है. सामाजिक कार्यकर्ता फूलन सहाय ने बताया कि अनजान आदमी के लिए बहुत खतरनाक नाला है.
रामसर से उर्दू बाजार की ओर हथिया नाला : रामसर चौक से उर्दू बाजार जाने के रास्ते में हथिया नाला बारिश के समय खतरनाक हो जाता है. इसमें नाला और सड़क मालूम नहीं चलता है. स्थानीय लोग तो सचेत हो जाते हैं, लेकिन बाहर से पढ़ने आये अनजान लड़कों को मालूम नहीं होता.
आकाशवाणी चौक के आगे पुलिया का नाला : आकाशवाणी चौक के आगे घंटाघर जाने के रास्ते में पुलिया का नाला भी खतरनाक है. एक वर्ष पहले बारिश के दिन में ही सड़क से फिसल कर एक बुजुर्ग महिला इसमें गिर गयी थी. आसपास के लोगों के प्रयास से निकाली गयी, नहीं तो उसकी भी जान जा सकती थी. यहां भी बेरिकेडिंग करायी जायेगी तो लोगों को आने-जाने में भय नहीं होगा.

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