तीन दिनों में 54 किलोमीटर तक पैदल चल कर की कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा
Advertisement
मानसरोवर की यात्रा से लौटे श्रद्धालु
तीन दिनों में 54 किलोमीटर तक पैदल चल कर की कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा भागलपुर : श्री श्यामेश्वर महादेव कैलाश दर्शन समिति के तत्वावधान में 10 दिनों की कैलाश मानसरोवर की यात्रा सफलतापूर्वक पूरा कर 18 श्रद्धालुओं का जत्था सोमवार शाम को लौट आया. शहर लौटते ही उनका विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भव्य स्वागत किया. […]
भागलपुर : श्री श्यामेश्वर महादेव कैलाश दर्शन समिति के तत्वावधान में 10 दिनों की कैलाश मानसरोवर की यात्रा सफलतापूर्वक पूरा कर 18 श्रद्धालुओं का जत्था सोमवार शाम को लौट आया. शहर लौटते ही उनका विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भव्य स्वागत किया. शहर प्रवेश करने पर गोड्डा विधायक अमित मंडल के तिलकामांझी आवास पर स्वागत हुआ. स्वागत करनेवालों में संजीव कुमार, सुरेश भिवानीवाला, रेणु भिवानीवाला, वेदप्रकाश, अजीत झुनझुनवाला, पुनीत, मधु झुनझुनवाला, लालू शर्मा, अशोक भिवानीवाला, मोंटी जोशी आदि शामिल थे.
देश के 90 श्रद्धालु समेत भागलपुर के 18 श्रद्धालुओं ने तीन दिनों तक बुधवार, गुरुवार एवं शुक्रवार को 54 किलोमीटर पैदल चल कर कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा की. इसके बाद शनिवार को सिमीकोट पहुंचे. मौसम खराब होने के कारण सभी लोगों ने शनिवार को सिमीकोट में ही विश्राम किया. भागलपुर के श्रद्धालुओं का नेतृत्व मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष श्रवण बाजोरिया ने किया. इसमें उनका सहयोग पार्षद संतोष कुमार ने किया.
उन्होंने बताया कि रविवार को नेपालगंज पहुंचे. शाम को नेपालगंज से काठमांडू एवं काठमांडू से हवाई मार्ग से विराटनगर पहुंचे. सोमवार को विराटनगर से सड़क मार्ग से वापस भागलपुर पहुंचे. कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूरी करने वाले भागलपुर के श्रद्धालुओं में श्रवण बाजोरिया, संजीव कुमार, निशाकर मिश्रा, सुरेश भिवानीवाला, रेणु भिवानीवाला, पवन झुनझुनवाला, पप्पू झुनझुनवाला, हेमंत साह, वेदप्रकाश खूडानिया, पुनीत कुमार खुडानिया, अमित कुमार झुनझुनवाला, राम कुमार हिम्मतसिंहका, शोभा देवी, डॉ अमरनाथ सिंह, मूला सिंह, पार्षद संतोष कुमार, शिवम बाजोरिया एवं सत्यम बाजोरिया शामिल थे.
ऐसे हुई यात्रा : काठमांडू में श्रद्धालुओं ने जगदगुरु दिव्यानंद तीर्थ के संचालन में पशुपतिनाथ का दर्शन किया. इसके बाद नेपालगंज स्थित भगवती वागेश्वरी का दर्शन किया. इसके बाद सीमकोट हवाई मार्ग द्वारा पहुंचे. श्रद्धालुओं ने बताया कि सीमकोट में पांच डिग्री सेल्सियस ठंड थी. यहां पर ऑक्सीजन की कमी थी. सीमकोट से हील्सा हुमबाल हेलीकॉप्टर से पहुंचे, जो नेपाल एवं चीन का सीमा क्षेत्र है. बॉर्डर फ्रेंडशिप पुल पार कर चीन प्रवेश किया.
वहां से टकलाकोट, चीन पहुंचे, जहां रात्रि में विश्राम किया. यहां से 90 श्रद्धालुओं ने कैलाश मारसरोवर के लिए प्रस्थान किया. मानसरोवर झील में स्नान कर सभी कैलाश परिक्रमा पर निकले. 110 किलोमीटर में फैला मानसरोवर झील गाड़ी से परिक्रमा किये. इसके बाद 54 किलोमीटर तक कैलाश की परिक्रमा पैदल की गयी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement