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सुलतानगंज में हर घर में नहीं पहुंच रहा पेयजल

सुलतानगंज : सुलतानगंज में पेयजल कनेक्शन लेने के बाद भी हर घर में शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है. सालों से टैक्स भरने के बाद भी लोगों के घर में नल के टोटी में काई जम चुका है. पाइप में हवा आ कर बंद हो जाता है. पानी वर्षों से नहीं पहुंच रहा है. […]

सुलतानगंज : सुलतानगंज में पेयजल कनेक्शन लेने के बाद भी हर घर में शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है. सालों से टैक्स भरने के बाद भी लोगों के घर में नल के टोटी में काई जम चुका है. पाइप में हवा आ कर बंद हो जाता है. पानी वर्षों से नहीं पहुंच रहा है. स्थानीय लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि टैक्स देते है, लेकिन घर के नलों में पानी नहीं पहुंच पाता है. कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. नगर परिषद क्षेत्र के कई घरों में कनेक्शन के बावजूद लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ अमित कुमार ने कहा कि पेयजल किल्लत नहीं रहेगी.

लाखों का हो रहा पानी का कारोबार : सुलतानगंज में शुद्ध पेयजल नहीं मिलने को लेकर कई लोग एक ओर नगर परिषद को जल कर दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शुद्ध पेयजल के लिए मिनरल वाटर खरीद कर पी रहे हैं. सुनील कुमार, प्रतीक कुमार, सन्नी कुमार आदि ने बताया कि 15 से 20 लीटर का जार 30 से 40 रुपये में खरीद कर पेयजल पीने को मजबूर हैं. इस तरह लगभग ऐसे दो से ढाई हजार परिवार डिब्बा बंद पेयजल विवशता में पीते हैं.
शहर में लगभग छह से सात लाख रुपये का कारोबार डिब्बा बंद पेयजल मिनरल वाटर से हो रहा है. शहर में घर तक डिब्बा बंद पेयजल पहुंचाने का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है.
जर्जर जलमीनार के भरोसे शहर में हो रही जलापूर्ति : सुलतानगंज नगर परिषद के कृष्णानंद स्टेडियम के समीप 1980 में निर्मित जलमीनार काफी जर्जर हो गया है. जर्जर होने के बावजूद भगवान भरोसे पेयजल सप्लाई रही है. जलमीनार में खराबी आने पर उपरि सतह पर काम करने में कर्मी डरे सहमे चढ़ते हैं.
कहते हैं अधिकारी : पीएचइडी के एसडीओ चंद्र किशोर मिश्रा, ने कहा कि जलमीनार का निर्माण 1980 में हुआ है. एक लाख गैलन की क्षमता वाले जलमीनार पुराना होने के कारण टंकी के अंदर चट्टान गिर रहा है. जलमीनार के टंकी की छत काफी जर्जर है.मरम्मत नहीं किया जा सकता है.नयी जलमीनार की आवश्यकता है. इसकी सूचना विभाग को दी गयी है.

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