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बिजली संकट से पसीना छूटा

त्राहिमाम. पारा 39 डिग्री पर, पंखा बंद, उबलते रहे लोग बिजली कट पर कट होने का सिलसिला चलता रहा और लोग परेशान रहे. भागलपुर को सुबह 9.40 बजे से 70 मेगावाट की जगह 25 मेगावाट आपूर्ति कर दी गयी. इससे विभिन्न फीडर को दो-दो घंटे पर आधे घंटे के लिए बिजली दी गयी. भागलपुर : […]

त्राहिमाम. पारा 39 डिग्री पर, पंखा बंद, उबलते रहे लोग

बिजली कट पर कट होने का सिलसिला चलता रहा और लोग परेशान रहे. भागलपुर को सुबह 9.40 बजे से 70 मेगावाट की जगह 25 मेगावाट आपूर्ति कर दी गयी. इससे विभिन्न फीडर को दो-दो घंटे पर आधे घंटे के लिए बिजली दी गयी.
भागलपुर : शहर में बुधवार को गंभीर बिजली संकट से शहरवासी परेशान रहे . पारा 39 डिग्री पर था. दूसरी ओर बिजली आपूर्ति ठप थी. एनटीपीसी फरक्का के कुछ यूनिट बंद होने के बाद केंद्रीय प्रक्षेत्र ने भागलपुर के बिजली आवंटन में कमी कर दी. इससे
भागलपुर में ब्रेक डाउन जैसी स्थिति आ गयी. बिजली कट पर कट होने का सिलसिला चलता रहा और लोग परेशान रहे. भागलपुर को सुबह 9.40 बजे से 70 मेगावाट की जगह 25 मेगावाट आपूर्ति कर दी गयी.
इससे विभिन्न फीडर को दो-दो घंटे पर आधे घंटे के लिए बिजली दी गयी. गरमी में घंटों बिजली कटने के कारण शहरवासी दिन भर उबलते रहे. लोग पानी के लिए परेशान रहे. दिन भर बिजली के रुलाने के बाद रात में भी यही स्थिति रही. कई क्षेत्र में लो वोल्टेज से भी उपभोक्ता परेशान थे. हालांकि, देर शाम 5.08 बजे के बाद सबौर पावर ट्रांसमिशन ने बिजली आपूर्ति में सुधार का दावा किया. इसमें जिले को मिलने वाली सप्लाई के 65 मेगावाट होने के बारे में बताया गया. लेकिन इस दावे की हकीकत फीडर से होने वाली आपूर्ति पर नहीं दिखी. कई क्षेत्रों में रात भर उपभोक्ता बिजली की कटौती झेलने को मजबूर रहे.
भागलपुर से होकर केंद्रीय प्रक्षेत्र को जाने वाली बिजली से स्थानीय ग्रिड अपने हिस्से की 70 मेगावाट आपूर्ति ले लेता है. मगर स्थानीय ग्रिड अपने हिस्सेदारी की बिजली एसएलडीसी के निर्देश के आधार पर लेता है.
शहर में 70 की जगह सिर्फ 25 मेगावाट की आपूर्ति
फरक्का में एनटीपीसी की कुछ यूनिट बंद होने से उत्पादन पर असर
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के डीजीएम(जनसंपर्क) हरेराम पांडेय ने बताया कि सुबह एनटीपीसी से 3000 मेगावाट की जगह सिर्फ 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो पाया. फरक्का में एनटीपीसी की कुछ इकाईयां बंद हो गयी. इस कारण संकट पैदा हो गया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रक्षेत्र से शाम में 1700 मेगावाट बिजली आने से कुल बिजली 2400 मेगावाट हो गयी. इससे काफी जिलों में बिजली की व्यवस्था में सुधार हुआ.
हर फीडर को दो-दो घंटे पर आधे घंटे के लिए किया गया चालू
रोटेशन पर दी जा रही बिजली
मिली जानकारी के अनुसार सबौर ग्रिड से बिजली सप्लाई में कमी आने के कारण ग्रिड से पूरे शहर में रोटेशन के आधार पर बिजली की आपूर्ति की गयी. सुबह लगभग 25 मेगावाट ही आपूर्ति शाम तक 65 मेगावाट तक हो गयी.
अधीक्षण अभियंता ट्रांसमिशन चितरंजन राय ने बताया कि पटना से पूरे बिहार को बिजली आपूर्ति करने वाली संस्था एसएलडीसी ने आपूर्ति कम करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रक्षेत्र से सुबह 9.40 बजे जिले को 25 मेगावाट बिजली मिली. शाम 5.08 बजे के बाद 50 मेगावाट और देर रात 8 बजे 65 मेगावाट बिजली मिलने लगी.

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