भागलपुर: एक तरफ छात्र की पुलिस द्वारा पिटाई के बाद गुरुवार को पूरा शहर व विश्वविद्यालय के सभी पीजी विभाग व कॉलेज में उबाल आ गया था, वहीं दूसरी ओर प्रोन्नति की मांग को लेकर भुस्टा ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर दी थी. संगठन की मांग शिक्षकों की प्रोन्नति देने की थी. तालाबंदी के कारण दिन भर विश्वविद्यालय का कामकाज ठप रहा.
छात्र निराश होकर लौट गये और विश्वविद्यालय के कर्मचारी बिना काम के परिसर में बैठ कर दिन गुजारने को मजबूर रहे. शिक्षकों ने छात्र की मौत पर दो मिनट का मौन रख उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. तालाबंदी कर विवि गेट पर धरना पर बैठे शिक्षकों से वार्ता करने कुलपति डॉ एनके वर्मा, प्रतिकुलपति डॉ एनके सिन्हा, कुलसचिव डॉ ताहिर हुसैन वारसी, कुलानुशासक डॉ रामप्रवेश सिंह पहुंचे. कुलपति ने कहा कि प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जायेगी, लेकिन इसे शुरू करने से पहले यह सोचना होगा कि हाइकोर्ट के आदेश से बंधे होने के कारण प्रोन्नति की प्रक्रिया किस तरह शुरू की जा सकती है.
वार्ता में डॉ नीलिमा राजहंस, डॉ एसजेड खानम व डॉ स्नेह लता दास ने भी प्रोन्नति नहीं होने से हो रही क्षति से अवगत कराया. उनका कहना था कि 1996 में नियुक्त जिन शिक्षकों को प्रोन्नति मिल चुकी है, उन्हें 93 हजार रुपये वेतन मिल रहा है. लेकिन जिन्हें प्रोन्नति नहीं मिली है, वे 30 हजार पा रहे हैं. यह सरासर नाइंसाफी नहीं तो और क्या है. शिक्षकों ने यह मांग भी रखी कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग से लौटाये गये सैकड़ों पुराने शिक्षकों को सेलेक्शन कमेटी से कनकरेंस नहीं मिला है.
इसके कारण रीडर व प्रोफेसर पद का उन्हें वेतनमान नहीं मिल रहा है. बकाया राशि भुगतान करने की भी मांग की. चतुर्थ चरण के सभी शिक्षकों को नियमित वेतन भुगतान की मांग की. मौके पर अध्यक्ष डॉ शंभु प्रसाद सिंह, डॉ रंजन सिन्हा, डॉ रियाज अहमद अंसारी, डॉ दयानंद राय, डॉ बदरुद्दीन, डॉ कौशलेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ अबु ओवेदा, डॉ रजी अहमद, डॉ शाहिद रजा, डॉ शरत चंद्र मंडल, डाू राजेश रंजन तिवारी, डॉ मृत्युंजय, डॉ प्रभात कुमार, डॉ अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ विजयेंद्र, डॉ ब्रज भूषण तिवारी, डॉ दीपो महतो, डॉ मुस्फिक आलम, डॉ मिथिलेश कुमार सिन्हा, डॉ मनोज कुमार, डॉ संजय कुमार, डॉ राजीव कुमार सिंह, डॉ रवींद्र कुमार, डॉ अखिलेश्वर ठाकुर, डॉ जावेद अख्तर, डॉ पुर्णेदु शेखर, डॉ रमन सिन्हा, डॉ मनोज कुमार, डॉ हरेंद्र नारायण सिंह, मो जावेद अख्तर, डॉ परमानंद सिंह, डॉ वाल्मीकि सिंह, डॉ केके मंडल, डॉ उमाकांत, डॉ उपेंद्र साह, डॉ वेदव्यास मुनि, डॉ जगदीश, डॉ एके श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.