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मट्टिी में मिल चुकी शहर को जोड़नेवाली सड़कें

मिट्टी में मिल चुकी शहर को जोड़नेवाली सड़कें लोगो : क्या गारंटी है तय समय में बनेगी सड़क -इन सड़कों से होकर गुजरना नरक जैसी यातना देता है. -बदहाल सड़कों के कारण अटके रहते हैं वाहन, शहर के किसी न किसी चौक पर रोज लगता जाम संवाददाता, भागलपुरभागलपुर शहर को जोड़ने वाली चारों दिशाओं की […]

मिट्टी में मिल चुकी शहर को जोड़नेवाली सड़कें लोगो : क्या गारंटी है तय समय में बनेगी सड़क -इन सड़कों से होकर गुजरना नरक जैसी यातना देता है. -बदहाल सड़कों के कारण अटके रहते हैं वाहन, शहर के किसी न किसी चौक पर रोज लगता जाम संवाददाता, भागलपुरभागलपुर शहर को जोड़ने वाली चारों दिशाओं की सड़कें लगभग मिट्टी में मिल चुकी हैं. कहलगांव-पीरपैंती-मिरजाचौकी सेक्शन (नेशनल हाइवे) की सड़क से होकर गुजरना नरक जैसी यातना देता है, तो एनएच-80 और 31 को जोड़ने वाली विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ चलने लायक नहीं है. भागलपुर-हंसडीहा मार्ग पूरी तरह से खेत में तब्दील हो गया है. सुलतानगंज-अकबरनगर सेक्शन (नेशनल हाइवे) पर जगह-जगह गड्ढे बने हैं. पूरे क्षेत्र के लोग जर्जर सड़क की मुसीबत झेल रहे हैं. सैलानी भी जब कहलगांव आते हैं, तो उनकी परेशानी बढ़ जाती है. इसका बुरा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ रहा है. सड़क के कारण एनटीपीसी भी परेशान है. सड़क मार्ग से मंगाये जाने वाले सामान समय पर एनटीपीसी नहीं पहुंच पाता है. झारखंड को जोड़नेवाली इस महत्वपूर्ण सड़क के जर्जर रहने से सफर में दोगुना वक्त लगता है, तो सुलतानगंज-अकबरनगर सेक्शन की सड़क के गड्ढे और चंपा पुल पर लगे बैरियर ने मुश्किलें बढ़ा दी है. सड़कें जर्जर रहने से जाम की स्थिति बनी रहती है. शहर को जोड़ने वाली बदहाल सड़कों के कारण गाड़ियां अटकी रहती है, जिससे शहर के किसी न किसी चौक पर रोज जाम लग जाता है. इसमें सबसे बुरी स्थिति जीरोमाइल चौक की है. उत्तरी दिशा : विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ 15 करोड़ खर्च, ठेकेदार के फेर में फंसी है सड़कविक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ ठेकेदारों के फेर में फंसी है. सड़क निर्माण के कार्य का लगभग दो साल हो गया है, जो अब तक अधूरा है. यदि ठेकेदारों पर दबाव डाला जाता, तो सड़कों का मेंटेनेंस होता और वह तय समय में बन जाती. सड़क निर्माण पर विभाग ने करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया है, फिर भी यह स्थिति है. विभाग ने पहले साई इंजीकॉन को सड़क बनाने की जिम्मेदारी सौंपी. विभाग का कांट्रैक्टर के साथ करीब 16.58 करोड़ रुपये में एग्रीमेंट हुआ. सड़क का निर्माण के लिए सात माह का समय निर्धारित किया गया. सड़क का निर्माण कार्य 28 फरवरी 2014 के बाद शुरू हुआ. निर्धारित तिथि 27 सितंबर 2014 के चार माह बाद भी सड़क नहीं बनी, तो काम छीन लिया गया. मगर, सड़क पूरी तरह से नहीं बनने के बाद भी ठेकेदार को करीब 13 करोड़ का भुगतान कर दिया गया. दोबारा काम बेगुसराय के ब्रॉडवे कंपनी को मिली है. उन्हें भी अब तक में दो करोड़ से ज्यादा राशि का भुगतान कर दिया गया है. इसके बावजूद कांट्रैक्टर ने निर्धारित तिथि 13 अक्तूबर में सड़क नहीं बनाया है. अब विभागीय इंजीनियर ने टाइम लाइन बढ़ा जनवरी कर दिया है. दक्षिणी दिशा : भागलपुर हंसडीहा मार्ग : 100 करोड़ खर्च, न सीपीडब्ल्यूडी ने किया मेंटेनेंस और न ही पीडब्ल्यूडी ने लगभग पांच साल पहले भागलपुर-हंसडीहा रोड का निर्माण तकरीबन 100 करोड़ की लागत से हुआ था. सड़क का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी ने किया है. निर्माण के एक साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी सीपीडब्ल्यूडी के पास रही. मगर, सड़कों का मेंटनेंस नहीं किया. साल भर का समय पूरा होने के साथ मेंटनेंस के लिए सड़क को पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर कर दिया गया. पीडब्ल्यूडी ने भी सीपीडब्ल्यूडी से भागलपुर-हंसडीहा रोड को टेक ओवर करने के बाद मेंटनेंस नहीं कराया. नतीजा, वर्ष 2013 में ही सड़क क्षतिग्र्रस्त हो गयी और अब तक में यह खेत में तब्दील हो गयी है. विशाल गड्ढे बन गये हैं, जिससे होकर गाड़ियां गुजर नहीं पा रही हैं. बरसात में 50 लाख मेंटनेंस पर खर्च किया गया. विशाल गड्ढों के सामने छोटी रकम का पता नहीं लग सका कि कोई मेंटेनेंस का काम भी हुआ है या नहीं. कई इलाके में विशाल गड्ढों के कारण वाहन गांव की गलियों से होकर गुजर रही है. विभाग पर चारों से जब दबाव बना है, तो हंसडीहा रोड के निर्माण की कार्य योजना बनायी गयी है. सड़क के निर्माण पर करीब 48 करोड़ खर्च होंगे. एकल टेंडर को मंजूरी मिल गयी है. जनवरी से निर्माण का कार्य होने की उम्मीद है. पूरब दिशा : कहलगांव-पीरपैंती सेक्सन (नेशनल हाइवे) 60 करोड़ खर्च, सड़क नहीं केवल बचा एलाइमेंट नेशनल हाइवे के भागलपुर-कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन में सड़क निर्माण पर विभाग ने करीब 60 करोड़ रुपये तक खर्च किया है. इसके बावजूद भैना पुल और पीरपैंती के बीच सड़क नहीं है. बाकी हिस्से में लोहिया पुल से इंजीनियरिंग कॉलेज तक सड़क गड्ढों में है. इंजीनियरिंग कॉलेज से पक्कीसराय तक चलना मुश्किल सा बना है. इससे न केवल आसपास इलाके के लोग परेशान हैं. बल्कि इस समस्या से एनटीपीसी भी जूझने को विवश हैं. विभागीय उच्चाधिकारी से लेकर सरकार के मंत्री तक से आग्रह किया गया. ताकि सड़क निर्माण के प्रति ध्यान दिया गया. हर बार सरकार और विभागीय उच्चाधिकारी ने आश्वस्त किया है कि जल्द सड़क बनेगी. इधर, तत्कालीन मंत्री ललन सिंह कई बार भागलपुर आये, लेकिन विभाग खराब सड़क को दुरुस्त करने के प्रति ध्यान देना उचित नहीं समझा. भैना पुल से पीरपैंती के बीच सड़क खराब है. सबसे ज्यादा खराब सड़क भैना पुल से कहलागांव बाजार और मथुरापुर के पास है. भैना पुल से कहलगांव बाजार के बीच सड़क एनएच के पक्कीसराय से रमजानीपुर और मथुरापुर के पास खराब सड़क रमजानीपुर से पीरपैंती सड़क योजना में है. पक्कीसराय से रमजानीपुर (13 किमी) : पांच साल बाद भी अधूरी है सड़क पक्कीसराय से रमजानीपुर के बीच सड़क पांच साल बाद भी बन कर तैयार नहीं हो सकी है. योजना अधूरी है. इस 13 किमी लंबी सड़क में जगह-जगह निर्माण का कार्य होना बाकी है. महत्वपूर्ण भैना पुल से लेकर कहलगांव बाजार तक सड़क का बनना जरूरी है. फिर भी न तो कांट्रैक्टर ध्यान दे रहा है और न ही विभाग कांट्रैक्टर पर दबाव बना पा रहे हैं. सड़क का निर्माण करीब 12 करोड़ की लागत से हो रहा है. लेकिन, पिछले साल गंगा में आयी बाढ़ के कारण सबौर और फरक्का के बीच सड़क बह गयी थी. इस कारण पक्कीसराय से रमजानीपुर सड़क योजना का एस्टिमेट रिवाइज किया गया. इसमें सबौर और फरक्का के बीच बहने वाली सड़क का निर्माण कार्य को भी शामिल किया गया. इस कारण लागत करीब 12 करोड़ आयी है. टेंडर के खेल में सड़क मेंटेनेंस की योजना रमजानीपुर से पीरपैंती के बीच लगभग 14 किमी लंबी सड़क मेंटनेंस की योजना को मंजूरी मिली गयी है. मगर टेंडर के खेल में उलझा है. पहली बार अपनायी गयी टेंडर की प्रक्रिया के दौरान किसी ठेकेदार ने टेंडर नहीं डाला. दोबारा टेंडर निकाला गया है. 1.47 करोड़ से मजबूतीकरण कार्य होना है. पीरपैंती से मिरजाचौकी के बीच मजबूतीकरण का कार्य फंसा है. पहली बार निकाला गया टेंडर ठेकेदार के आगे नहीं आने से रद्द कर दिया गया है. दोबारा टेंडर निकालने की तैयारी की जा रही है. इस हिस्से की सड़क का मजबूतीकरण कार्य के लिए प्राक्कलन में 2.89करोड़ रुपये शामिल किया गया है. रमजानीपुर से पीरपैंती के बीच सड़क निर्माण की योजना एसपी एंड पी इन्फ्रास्ट्रक्चर के मिला था, लेकिन वह सड़क बना नहीं सके. अगर सड़क बनती तो इसकी लागत करीब 8.60 करोड़ आती. सड़क निर्माण की योजना को वर्ष 2012 के जून में ही मंजूरी मिली थी. इसके निर्माण पर अब महंगाई का असर पड़ेगा. पश्चिमी दिशा : सुलतानगंज-अकबरनगर सेक्शन (नेशनल हाइवे)घोरघट से अकबरनगर और अकबरनगर से भागलपुर रेलवे स्टेशन के बीच सड़क निर्माण पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. सड़क मेंटेनेंस पॉलिसी में है. विभाग द्वारा लगातार दबाव बनाने पर भी कांट्रैक्टर मेंटेनेंस कार्य नहीं करा रहे हैं. नतीजा, घोरघट से लेकर भागलपुर स्टेशन के बीच जगह-जगह बने गड्ढे जानलेवा बनने लगे हैं. शहर को जाेड़ने वाली इस सेक्शन की सड़क पर जर्जर चंपा पुल आवागमन में बाधक बना है. इस सेक्शन पर गाड़ियां तो चलती है, मगर शहर सुगमतापूर्वक नहीं पहुंच पाती है. चंपा पुल पर लगा बैरियर के कारण वाहनों को कई किमी लंबी दूरी तय शहर पहुंचना होता है. घोरघट से अकबरनगर के बीच 20 किमी में सड़क निर्माण पर 8.48 करोड़, ताे अकबरनगर से भागलपुर रेलवे स्टेशन के बीच 12 किमी में 5.08 करोड़ लागत आयी थी. दोनों हिस्से की सड़कों का निर्माण पिछले साल हुआ है. फैक्ट फिगर विक्रमशिला एप्रोच पथ वर्ष 2014 में खर्च : 13 करोड़ रुपये वर्ष 2015 में खर्च : 02 करोड़ रुपये तक (कार्य प्रगति पर)वर्ष 2010 में खर्च : 7.62 करोड़ रुपये भागलपुर-कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन (नेशनल हाइवे)रेलवे स्टेशन से इंजीनियरिंग कॉलेज तक : 10.59 करोड़ रुपये इंजीनियरिंग कॉलेज से पक्कीसराय तक : 6.06 करोड़ रुपये बाबूपुर मोड़ से रमजानीपुर तक : 12 करोड़ रुपये (फाइनल नहीं)रमजानीपुर से पीरपैंती तक : 7.25 करोड़ रुपये (ठेकेदार ने काम छोड़ा, दोबारा बनेगी सड़क, फिलहाल मेंटेनेंस पर 1.47 करोड़ होगा खर्च)पीरपैंती से मिरजाचौकी तक : 9.94 करोड़ रुपये (मेंटनेंस पर होगा खर्च 2.89 करोड़ रुपये)भागलपुर-हंसडीहा मार्ग वर्ष 2010 में खर्च : करीब 100 करोड़ रुपये वर्ष 2015 में खर्च : 50 लाख रुपये वर्ष 2016 में होगा खर्च : 48 करोड़ रुपये तक सुलतानगंज-पीरपैंती सेक्शन : घोरघट से अकबरनगर तक खर्च : 8.49 करोड़ रुपये अकबरनगर से भागलपुर स्टेशन चौक तक : 5.08 करोड़ रुपये ……………………..रमजानीपुर से पीरपैंती और पीरपैंती से मिरजाचौकी के बीच सड़कों के मजबूतीकरण का कार्य होगा. जेल रोड में फिर से सड़क बनेगी. निर्मित सड़कों के मेंटेनेंस को लेकर ठेकेदार पर दबाव बनाया जा रहा है. विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ का कार्य प्रगति पर है. नये साल से यह सड़क बेहतर होगी. सुनीलधारी प्रसाद सिंह अधीक्षण अभियंता राष्ट्रीय उच्च पथ अंचल, भागलपुर

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