भागलपुर: बालिका शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान व कस्तूरबा गांधी की विभिन्न योजनाओं के मद में भागलपुर के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को दिये गये 71 करोड़ 38 लाख रुपये में अभी भी 47 करोड़ 87 लाख रुपये का हिसाब नहीं मिल पाया है. विभाग की ओर से की गयी कड़ाई के बाद स्कूलों ने 19 दिनों में महज 23 करोड़ 51 लाख रुपये का ही हिसाब दिया है. विभाग ने सभी स्कूलों को 26 अक्तूबर तक का वक्त दिया है.
ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि 19 दिनों में लगभग 23 करोड़ का हिसाब देनेवाले स्कूल दो दिनों में 47 करोड़ का हिसाब दे पायेंगे या नहीं. स्कूलों को वर्ष 2008 से लेकर वर्ष 2012-13 तक मिली राशि के खर्च का हिसाब देना है. आश्चर्य यह कि इन पांच वर्षो में विभाग स्कूलों को राशि देता रहा, लेकिन हिसाब मांगने की तलब अब जगी है. अब हिसाब जुटाने में स्कूलों का पसीना छूट रहा है और राज्यस्तरीय अधिकारी के कड़े निर्देश से जिलास्तरीय अधिकारी तेवर में दिख रहे हैं.
गत 19 दिनों में स्कूलों ने भवन निर्माण में 61 लाख और बालिका पोशाक, वेतन, विद्यालय विकास अनुदान, रखरखाव, प्रशिक्षण, बीआरसी व सीआरसी अनुदान आदि मद में 22 करोड़ 90 लाख का हिसाब सौंपा है. प्रारंभिक शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी देवेंद्र कुमार झा ने बताया कि पूर्व में स्कूलों को 20 अक्तूबर तक हिसाब देने को कहा गया था. इस बाबत बुधवार को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की बैठक में निर्देश दिया गया है कि 26 अक्तूबर तक हर हाल में पूरी राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र स्कूल से जमा कराया जाये.