भागलपुर : केंद्र सरकार द्वारा सेल्स ऑफ मेडिसिंस ओवर इंटरनेट को बढ़ावा देने की मंशा के विरोध में दवा विक्रेताओं ने 14 अक्तूबर को देशव्यापी बंद का एलान किया गया है. इसका समर्थन भागलपुर केमिस्टस एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन ने भी किया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम दास कोटरीवाल और सचिव प्रशांत ठाकुर ने बताया कि बुधवार को भागलपुर बाजार समेत जिले के ग्रामीण इलाके की सभी दवा दुकानें भी बंद रहेंगी.
शहर में केवल मायागंज अस्पताल के बाहर स्थित दवा दुकानें इमरजेंसी सेवा के रूप में खुली रहेगी. एक अनुमान के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 800 और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 700 दवा दुकानें हैं. दवा दुकानें सुबह से रात तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है. दवा दुकानों को बंद कराने के लिए वे लोग सुबह में संघ की बैनर तले कैंपन भी करेंगे. एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि ऑनलाइन दवा बिक्री का विचार केमिस्टों को किसी किसी भी हाल में स्वीकार नहीं है.
आॅनलाइन बिक्री से दवा के दुरुपयोग होने की संभावना एसोसिएशन के भागलपुर इकाई अध्यक्ष व सचिव ने बताया कि स्नैपडिल, अामेजन आदि ऑनलाइन शॉपिंग साइटों द्वा दवा की ऑनलाइन बिक्री की जाती है. भागलपुर में भी दिव्य ड्रग्स के नाम से ऑनलाइन दवा सप्लाई की जाती है. इनलोगों का कहना है कि जिले में रोजाना करीब 50 लाख रुपये की दवा की बिक्री होती है. इनलोगों का कहना है कि आॅनलाइन दवा की बिक्री न सिर्फ अवैध है, बल्कि ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट -1940 का उल्लंघन भी होता है. दवा दुकानों में लाखों परिवारों की जीविका जुड़ी है.
इंटरनेट से दवा बिक्री से युवा वर्ग में नशे की प्रवृति बढ़ सकती है, क्योंकि डॉक्टर की परची के बिना ही उपलब्ध हो जायेगी. इतना ही नहीं प्रतिबंधित दवा की भी धड़ल्ले से बिक्री की जा सकती है. दवा की गुणवत्ता से खिलवाड़ की भी आशंका है. ग्रामीण भारत में जीवन रक्षक दवाओं का अभाव हो जायेगा.