लखीसराय. शहर का एकमात्र अंगीभूत केएसएस कॉलेज मे विज्ञान संकाय के छात्र-छात्रा बिना प्रैक्टिकल कक्षा किये ही परीक्षा फॉर्म भर रहे हैं. इस कॉलेज की स्थापना पहली अगस्त 1966 को चितरंजन रोड स्थित चितरंजन आश्रम में की गयी थी. इस कॉलेज की मान्यता वर्ष 18 दिसंबर 1980 को तिलकामांझी विश्वविद्यालय से मिली. स्थापना काल से ही कॉलेज में मनोविज्ञान, रसायन शास्त्र, पदार्थ विज्ञान, वनस्पति विज्ञान एवं जंतु विज्ञान में एक -एक प्रयोगिक परादर्शक का पद सृजित है. इस पर पदस्थापित लोग सेवानिवृत्त होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा किसी को पदस्थापित नहीं किया गया है. जिसके कारण कॉलेज में प्रयोगिक कार्य बंद पड़ा है. छात्र अभिषेक, छात्रा रेशमी कुमारी ने बताया कि प्रयोगिक क्लास नहीं करायी जाती है. इससे पढ़ाई प्रभावित हो रहा है.-बोले प्राचार्यप्रभारी प्राचार्य कौशल किशोर ने बताया कि प्रयोगिक परादर्शक के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद आज तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने पदस्थापना नहीं किया है. जो छात्र-छात्रा प्रैक्टिकल क्लास करना चाहते हैं उसे शिक्षकों के द्वारा ही प्रैक्टिकल करने की सुविधा प्रदान की जाती है.
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प्रैक्टिकल क्लास से वंचित हैं केएसएस कॉलेज के विद्यार्थी
लखीसराय. शहर का एकमात्र अंगीभूत केएसएस कॉलेज मे विज्ञान संकाय के छात्र-छात्रा बिना प्रैक्टिकल कक्षा किये ही परीक्षा फॉर्म भर रहे हैं. इस कॉलेज की स्थापना पहली अगस्त 1966 को चितरंजन रोड स्थित चितरंजन आश्रम में की गयी थी. इस कॉलेज की मान्यता वर्ष 18 दिसंबर 1980 को तिलकामांझी विश्वविद्यालय से मिली. स्थापना काल से […]
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