भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय सोमवार को सिंडिकेट की बैठक के दौरान दिन भर रणक्षेत्र बना रहा. हंगामा करने प्रशासनिक भवन के अंदर घुसे छात्रों की कर्मचारियों ने जम कर पिटाई कर दी. प्रशासनिक भवन का सारा गेट बंद था, इस कारण सैकड़ों कर्मचारियों से घिरे छात्र बाहर नहीं निकल पाये. वे भाग रहे थे और कर्मचारी उन्हें खदेड़-खदेड़ कर पीट रहे थे. कर्मचारियों ने परीक्षा नियंत्रक डॉ मधुसूदन झा व कुलसचिव डॉ ताहिर हुसैन वारसी के साथ बाहर निकले और छात्रों को खदेड़ना शुरू कर दिया.
इस बीच एक और छात्र की पिटाई हुई. छात्रों का गुस्सा विभिन्न कॉलेजों को वर्ष 2012 में हुई परीक्षा का फाइनल रिजल्ट नहीं भेजने, छात्र संघ चुनाव की घोषणा नहीं करने पीजी फस्र्ट सेमेस्टर की उत्तरपुस्तिका का पुनमरूल्यांकन नहीं करने सहित कई अन्य मामलों को लेकर था. इसके विरोध में छात्र संघर्ष समिति, आइसा, एआइडीएसओ व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे.
जिन छात्रों को कर्मचारियों ने मिल कर पीटा वे छात्र संघर्ष समिति के कार्यकर्ता थे. छात्र संघर्ष समिति के संयोजक अजीत कुमार सोनू ने विश्वविद्यालय में ही कोतवाली थानाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी को कर्मचारियों के खिलाफ लिखित शिकायत की. घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को पूर्व से ही थी. लिहाजा दंगा नियंत्रण वाहन पहले से ही लगा कर रखा गया था, लेकिन पुलिस चुपचाप खड़ी रही.
स्थिति गंभीर होता देख कुलानुशासक डॉ रामप्रवेश सिंह की सूचना पर सिटी डीएसपी वीणा कुमारी, सदर एसडीओ सुनील कुमार व जगदीशपुर के अंचलाधिकारी नवीन भूषण के अलावा कई थानाध्यक्ष पहुंचे, लेकिन तब तक सारा मामला शांत हो चुका था. सिटी डीएसपी ने कुलपति डॉ एनके वर्मा से बातचीत कर मामले को समझने का प्रयास किया. कुलपति ने कहा कि वे छात्र संगठनों के क्यों का जवाब देते-देते थक चुके हैं.