नवगछिया: किसानों के लिए यूरिया की प्राप्ति अब टेढ़ी खीर बनती हा रही है. प्रशासन लगातार कार्रवाई का दावा कर रहा है. दुकानों में किसानों को अनुदानित मूल्य पर यूरिया नहीं मिल रहा है.
ऐसा नहीं कि यूरिया दुकानों से गायब है. मनचाहा दाम देने पर मांगी गयी मात्र में यूरिया आसानी से मिल जा रहा है. बड़े किसान मजबूरी में अधिक दाम देकर यूरिया की खरीद कर रहे हैं, लेकिन छोटे किसान बेबस व लाचार नजर आ रहे हैं.
कृत्रिम है यूरिया किल्लत. जिला पार्षद गौरव राय ने कहा कि जिला पार्षद की तीन माह पहले हुई बैठक में उन्होंने प्रशासनिक पदाधिकारियों को यूरिया की होने वाली किल्लत पर सचेत किया था, लेकिन उस समय किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया गया. बाजार में यूरिया की किल्लत कृत्रिम है. ज्यादा पैसा खर्च करने पर आसानी से यूरिया उपलब्ध हो रहा है. श्री राय ने यूरिया की किल्लत के मद्देनजर खरीक, नवगछिया, गोपालपुर के विभिन्न प्रखंडों में किसानों के बीच जन संपर्क भी किया. श्री राय ने कहा कि यूरिया को लेकर अब किसान आंदोलन की रूप रेखा तैयार कर रहे हैं.