भागलपुर: जिले में क्रिकेट के होनहार बल्लेबाजों व गेंदबाजों की धमक का ही वह दौर था, जब इनकी प्रतिभा की चुनौती देने धोनी, देवाशीष, जोगिंदर सिंह आदि राष्ट्रीय क्रिकेटर यहां आया करते थे. यहीं से ही धोनी ने क्रिकेट जगत में लंबी पारी की शुरुआत की.
वर्तमान में यहां क्रिकेट मृतप्राय है.जानकार मानते हैं कि संघ की मान्यता और विभिन्न संघों की होड़ में चल रही राजनीति से यहां का क्रिकेट खत्म होता जा रहा है. यहां के उदीयमान क्रिकेटर पलायन कर झारखंड व अन्य राज्यों में अपना भविष्य बनाने में लगे हैं. कुछ खिलाड़ी क्रिकेट को अलविदा कह जीवन यापन में लग गये हैं. जिले के आधा दर्जन से अधिक क्रिकेटर आज बंगाल व झारखंड जिला टीम से खेल रहे हैं. यह खिलाड़ी हैं बासुकीनाथ मिश्र, सुनील, चंदन, सुजीत, सचिन, भानु व अविनाश.
नहीं हुआ कोई बड़ा आयोजन. पिछले चार वर्षो से भागलपुर में किक्रेट का कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ है. वर्ष 2009-10 में अंडर- 16 और अंडर-19 क्रिकेट का बड़ा आयोजन सैंडिस कंपाउंड स्टेडियम में हुआ था. 2004-05 में यहां सद्भावना क्रिकेट का बड़ा आयोजन हुआ था, इसमें धोनी के अलावा कई नामचीन क्रिकेटर भागलपुर आये थे. .
क्रिकेटरों ने कहा . क्रिकेटर विकास कुमार ने बताया कि भागलपुर में क्रिकेट की स्थिति काफी दयनीय है. क्रिकेट यहां आगे बढ़े, इसके लिए खिलाड़ी और खेल संगठनों को मिल कर काम करने की जरूरत है. झारखंड टीम से खेल रहे बासुकीनाथ मिश्र ने बताया कि बिहार में क्रिकेट का तभी विकास होगा, जब लोग क्रिकेट के नाम पर राजनीति करना छोड़ देंगे. क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए बाहर जाने के अलावा कोई चारा क्रिकेटरों के पास नहीं है. सुनील व चंदन ने बताया कि क्रिकेट खेल तभी आगे बढ़ेगा, जब इसके लिए सभी लोग साथ मिल कर काम करेंगे.