भागलपुर: व्यवहार न्यायालय के द्वितीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत ने सत्रवाद (180/99 आर) भागलपुर दंगा कांड के एक मामले बेलहर थाना कांड संख्या (160/89) में शुक्रवार को मामले के चार आरोपियों कृष्णा मोदी,श्याम सुंदर मोदी, बलदेव रजक व दामोदर साह को मामले में दोषी पाते हुए भादवि की धारा 436 के तहत सात साल की सजा सुनाई.
इसके अलावा धारा 380 व 153 बी में तीन साल व धारा 148 में दो साल की सजा सुनायी. सभी धाराएं साथ-साथ चलेंगी.अदालत में सरकार की ओर से विशेष अपर लोक अभियोजक मो अतिउल्लाह ने मामले में अपना पक्ष रखा. मामले में अभियोजन की ओर से कुल सात गवाहों की गवाही हुई थी, जिसमें चार गवाह चश्मदीद थे व तीन पुलिस की ओर से गवाह थे.
10 जून को अदालत ने सभी आरोपियों को धारा 148, 436, 149, 380/149 व 153 बी (लूटपाट, आगजनी) मामले में दोषी पाया था. यह घटना सात नवंबर 1989 की है. शाम चार बजे बलवाइयों ने ताराकुंरा गांव के मुसलिम टोला के घरों में घुस कर लूटपाट करने के बाद घर को आग के हवाले कर दिया था. मामला चौकीदार शिबू तूरी के बयान पर अंकित किया गया था.
मामले के सूचक चौकीदार की गवाही होने के पहले ही मौत हो चुकी थी. विशेष अपर लोक अभियोजक ने बताया कि मामले में चार चश्मदीद गवाह मो हलीम, अब्दुल कैय्यूम, मोइउद्दीन व कमरूद्दीन ने अपनी गवाही दी थी.