भागलपुर: जिन अभिभावकों के बच्चे नि:शक्त हैं, उन्हें यह समझना होगा कि बच्चे को बेहतर स्थिति में लाने के लिए नि:शक्तता से संबंधित एक्सरसाइज विशेषज्ञों की देखरेख में कराना जरूरी है.
उनके लिए खिरनीघाट स्थित डायट परिसर में डे केयर सेंटर खुला है और वह बिल्कुल मुफ्त है. इसका लाभ जिले के कई बच्चे ले रहे हैं. डे केयर सेंटर का अवलोकन करने शुक्रवार को आयी भारत सरकार की टीम ने उक्त बातें बतायी. टीम के सदस्य डॉ निधि विश्वास ( किरण सेंटर, बनारस) का कहना था कि अभी वह अवलोकन कर ही रही हैं.
फिलहाल इस बात की जरूरत पायी गयी है कि सेंटर में जो शिक्षक कार्य कर रहे हैं, उन्हें और भी समझ विकसित करनी होगी. अभिभावकों को भी जागरूक होना होगा. उन्हें सेंटर तक हर दिन अपने बच्चों को लाना होगा. बिहार शिक्षा परियोजना के फिजियोथेरापिस्ट अवनीश रंजन ने बताया कि राज्य में पूर्णिया, पटना, वैशाली, पश्चिम चंपारण सहित भागलपुर में उक्त सेंटर खोला गया है. इसका उद्देश्य है कि नि:शक्तता से संबंधित अति गंभीर बच्चों को दुरुस्त किया जाये और उनका स्किल डेवलपमेंट किया जाये. सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नसीम अहमद ने बताया कि सेंटर द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ताकि अभिभावकों तक यह संदेश पहुंच सके कि नि:शक्त बच्चों को सेंटर में नि:शुल्क सुविधा दी जा रही है.
टीम में एनआइओएच, कोलकाता के पंकज वाजपेयी, किरण सेंटर, बनारस की डॉ निधि विश्वास, लखनऊ से अमरेश चंद्रा, बिहार शिक्षा परियोजना से अवनीश रंजन शामिल थे. मौके पर एडीपीसी सतीश कुमार सिंह व डे केयर सेंटर के ऑडियोलॉजिस्ट अजीत कुमार भी मौजूद थे. डे केयर सेंटर में नि:शक्त बच्चों को नि:शुल्क फिजियोथेरेपी करवायी जाती है. यहां आनेवाले वैसे बच्चों को कृत्रिम अंग भी उपलब्ध कराया जाना है, जिन्हें हाथ, पैर या उंगली नहीं है. केंद्र में जरूरतमंद बच्चों को कैलिपर (इसे पहन कर पोलियो पीड़ित बच्चे चल सकते हैं), स्पिलिंट (हाथों को सक्रिय करने के लिए), ब्रेस (बेक पेन दूर करने और टेढ़ी रीढ़ की हड्डी की सहायता के लिए), कृत्रिम हाथ व पैर आदि नि:शुल्क दिया जायेगा.