अठगामा, मवि अठगामा और मवि राघोपुर का औचक निरीक्षण किया. साथ में नवगछिया के एसडीओ मुकेश कुमार भी थे. आयुक्त सबसे पहले महर्षि मेंही उच्च विद्यालय अठगामा गये. स्कूल में गंदगी का अंबार देख नाराजगी व्यक्त की. स्कूल में अंग्रेजी की परीक्षा चल रही थी. उन्होंने एक छात्र से कहा- तुम्हें जो प्रश्नपत्र मिला है उसे पढ़कर सुना दो. छात्र प्रश्नपत्र नहीं पढ़ सका.
यह देख आयुक्त ने स्कूल के प्रधानाध्यापक से सवाल किया कि जब आपका बच्चा प्रश्नपत्र भी सही से नहीं पढ़ पा रहा है तो इसका उत्तर क्या लिखेगा? विद्यालय भवन का रंग रोगन भी नहीं किया गया था. आयुक्त ने प्रधानाध्यापक को सुधार के लिए 15 दिनों का समय दिया. उन्होंने कहा कि स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का माहौल स्थापित करें. इसके लिए शिक्षा समिति की बैठक करें. स्कूल में साफ सफाई और रंग रोगन भी करायें. अगर 15 दिनों में व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो कार्रवाई की जायेगी.
इसके बाद कमिश्नर मध्य विद्यालय अठगामा पहुंचे. यहां की भी स्थिति संतोषजनक नहीं थी. साफ सफाई की व्यवस्था तो बदतर थी. जहां भी छात्रों से जब भागलपुर के कमिश्नर ने कुछ सवाल किया, तो छात्रों ने जवाब नहीं दिया. कमिश्नर ने प्रधानाध्यापक को साफ सफाई और पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार करने को कहा. यहां भी उन्होंने 15 दिनों का समय देते हुए कहा कि इस अवधि में सुधार नहीं हुआ, तो कार्रवाई की जायेगी. मध्य विद्यालय राघोपुर में ऐसी ही स्थिति मिली.
कमिश्नर के आने की कानों-कान किसी को नहीं थी सूचना
नवगछिया में कमिश्नर के आने की सूचना किसी को नहीं थी. ग्रामीणों ने कहा कि यहां के विद्यालयों की स्थिति काफी बदतर है. वे लोग साफ-सफाई मध्यान भोजन की बात नहीं कर रहे हैं. वह लोग शिक्षा व्यवस्था की बात कर रहे हैं. इन स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.
एजुकेशन टीम ने सबौर प्रखंड के स्कूलों की जांच की
सबौर. डीएम के निर्देश पर विशेष निरीक्षण टीम ने सबौर प्रखंड के तकरीबन 20 विद्यालयों में बुधवार को निरीक्षण किया. निरीक्षण का उद्देश्य विद्यालयों में गुणवत्तापुर्ण शिक्षा, विद्यालय को सुचारू रूप से चलाने आदि में होने वाली असुविधा व कमी की जानकारी लेना था. जिले से गठित टीम में सात अधिकारी थे.
निरीक्षण में कहीं भवन की कमी, चहारदीवारी, अनुशासन, शिक्षकों का नियमित नहीं आना या देर से आना, मध्याह्न भोजन में कमी आदि पाया गया. बारिश से रास्ता अवरुद्ध होने से ग्रामीण क्षेत्र में टीम नहीं जा सकी. शिक्षा में सबौर प्रखंड जिले में अग्रणी रहा है. इसकी जांच के आधार पर ही अन्य प्रखंडों की जांच होगी, ताकि शिक्षा में गुणवत्ता पूर्ण सुधार किया जा सके.