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70 शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के प्रयास में दो पंचायत सचिवों पर केस

भागलपुर : निगरानी विभाग के लगातार दबाव के बाद शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. शुक्रवार को गोराडीह और लोदीपुर थाने में दो पंचायत सचिवों पर एफआइआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया. पहले पंचायत सचिव का नाम इस्माइलपुर निवासी राजेंद्र मंडल है. राजेंद्र मंडल […]

भागलपुर : निगरानी विभाग के लगातार दबाव के बाद शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़ा करने वालों पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. शुक्रवार को गोराडीह और लोदीपुर थाने में दो पंचायत सचिवों पर एफआइआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया. पहले पंचायत सचिव का नाम इस्माइलपुर निवासी राजेंद्र मंडल है. राजेंद्र मंडल नदियामा और उस्तु पंचायत के पंचायत सचिव हैं. वहीं दूसरे पंचायत सचिव का नाम सुरेश दास है. वह सोनूडीह सतजोरी व मुरहन जमीन पंचायत के पंचायत सचिव हैं.

दोनों के ऊपर केस दर्ज करने के लिए गोराडीह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रतिमा कुमारी ने थाने में आवेदन दिया है. प्रतिमा कुमारी ने बताया कि 2017 में दोनों पंचायत सचिवों ने 70 शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति का प्रयास किया था. इन्होंने 40 छात्रों पर एक शिक्षक की नियुक्ति का आधार बनाया. उसके बाद दोनों पंचायतों में नियम के खिलाफ पद सृजित किये. शिक्षकों की नियुक्ति के प्रयास के दौरान काफी विवाद भी उत्पन्न हुआ था. मामला जब जिला शिक्षा कार्यालय में पहुंचा तब इसकी सूचना शिक्षा विभाग पटना के निदेशक को दी गयी. नियुक्ति को लेकर पांच बिंदुओं पर जवाब भी मांगा था. सभी बिंदुओं पर पंचायत सचिवों द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति के प्रयास नियम के खिलाफ प्रतीत हुए.

बिना पद सृजन के शिक्षकों के नियोजन का प्रयास
दोनों पंचायत सचिवों को शिक्षा विभाग पटना या जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से अतिरिक्त शिक्षकों के नियोजन का निर्देश नहीं मिला था. दरअसल पंचायत शिक्षकों का नियोजन 2008, 2010 और 2014 तक पूरा हो चुका था. दोनों पंचायत सचिवों ने कई लोगों को शिक्षक बनाने का झांसा देकर मोटी रकम वसूल ली थी. जब फर्जी उम्मीदवार दोनों पंचायत सचिवों पर नियोजन का दबाव बनाने लगे तो 70 शिक्षकों की फर्जी बहाली का खेल शुरू हो गया. पुलिस की माने तो अनुसंधान के दौरान दोनों पंचायत के मुखिया और शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी संदेह के दायरे में रहेंगे.
शिक्षक नियोजन में स्नातक, पीजी और टीइटी, एसटीइटी के नकली सर्टिफिकेट जमा कर फर्जीवाड़ा किया गया है. फर्जीवाड़ा का सबसे अधिक मामला पंचायत स्तर पर नियोजित हुए शिक्षकों से जुड़ा है. पंचायत स्तर पर नियोजन की जिम्मेदारी पंचायत सचिव और मुखिया को दिया गया. दोनों की अनुशंसा से बहाल हुए सबसे अधिक शिक्षकों पर कार्रवाई की गयी है.
के फोल्डर अब तक जमा नहीं हुए
फर्जी डिग्री जमा कर सरकारी स्कूलों में वर्षों से नौकरी कर रहे नियोजित पंचायत शिक्षकों की जांच अब तक पूरी नहीं हो पायी है. निगरानी विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पटना में राज्य भर के जिलों में अब तक जमा नहीं हुए शिक्षकों के फोल्डर मामले को लेकर समीक्षा बैठक की गयी. निगरानी विभाग के इंस्पेक्टर एसके सरोज ने बताया कि जिले में 8186 शिक्षकों का नियोजन हुआ है. अब तक 7026 शिक्षकों का दस्तावेज निगरानी विभाग के पास शिक्षा विभाग ने सौंपा है. वहीं 1160 शिक्षकों के फोल्डर अब तक नियोजन इकाइयों ने जिला शिक्षा कार्यालय को नहीं सौंपा है. बीते छह माह से मामले को लेकर टालमटोल हो रहा है.

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