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ही भेज रहा पैसा, हर खेप मंगाने पर खर्च हो रहे पांच लाख आरबीआइ डिमांड का

भागलपुर : लगातार पैसों की किल्लत से जूझ रहे बैंक चेस्ट को आरबीआई मात्र पांच फीसदी ही पैसों की सप्लाई दे पा रहा है़ यदि आरबीआइ से 200 करोड़ की डिमांड की जाती है, तो बैंक को सिर्फ 10 करोड़ रुपये ही उपलब्ध हो पा रहा़ ऐसे में बैंकों को लगातार कैश की किल्लत से […]

भागलपुर : लगातार पैसों की किल्लत से जूझ रहे बैंक चेस्ट को आरबीआई मात्र पांच फीसदी ही पैसों की सप्लाई दे पा रहा है़ यदि आरबीआइ से 200 करोड़ की डिमांड की जाती है, तो बैंक को सिर्फ 10 करोड़ रुपये ही उपलब्ध हो पा रहा़ ऐसे में बैंकों को लगातार कैश की किल्लत से जूझना पड़ रहा है और रोजाना ही आम लोग बैंकों और एटीएम के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे़ जबकि बैंक चेस्ट को इतनी रकम मंगाने के लिए हर खेप पर पांच लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे.

एटीएम पर लगे नो कैश के बोर्ड
शहर में ज्यादातर एटीएम के शटर बंद हैं, या उनपर नो कैश के बोर्ड लगे हैं. बैंक ऑफ इंडिया महिला शाखा और सेंट्रल बैंक के स्टेशन चौक स्थित एटीएम महीनों से बंद पड़े हैं. ऐसे में बैंकों में भी कैश लेने पहुंच रहे लोगों को निराशा हाथ लग रही. कैश की कमी के कारण दूर-दराज से आने वाले लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
बैंक चेस्ट खाली, ज्यादातर एटीएम के शटर हुए डाउन, ग्राहक लगा रहे एटीएम के चक्कर
भेजा जायेगा त्राहिमाम संदेश
लगातार कैश किल्लत की मिल रही शिकायतों पर अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक चंद्रशेखर साह ने संज्ञान लिया है. उन्होंने बताया कि जल्द ही बैंकों के साथ बैठक कर आरबीआइ को त्राहिमाम संदेश भेजेंगे. शहर में कुल पांच बैंकिंग चेस्ट हैं. ये स्टेट बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया एवं इलाहाबाद बैंक से जुड़े हैं. बैंकों के चेस्ट में पैसे नहीं हैं. यहां तक कि जिले का अग्रणी बैंक का तमगा पाये यूको बैंक का चेस्ट भी तकरीबन खाली है.
कम निकासी और अधिक कैश बैंकों में जमा कराने के हो रहे प्रयास
करेंसी की कमी के कारण बैंकों में अक्सर कहासुनी की स्थिति देखने को मिलती है. अक्सर बड़े नोट नहीं मिलने के कारण वहां के ग्राहक व कर्मचारी में विवाद के हालात बन जाते हैं. इसी तरह अक्सर बैंकों में कर्मचारी अपने ग्राहकों से कम निकासी करने को कहते मिल रहे हैं. इसके साथ अधिकारी व कर्मचारी बैंकों का अधिक से अधिक जमा बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए लोगों को प्रेरित करने का प्रयास करते हैं, ताकि कैश शाखाओं तक पहुंचे.
बड़े नोटों की जमाखोरी की जतायी जा रही है आशंका
बैंकों से निकल 2000 के नोट बाजार से पुन: बैंकों में वापस नहीं लौट रहे. बाजार में बड़े नोटों की जमाखोरी होने की संभावना जतायी जा रही है. वहीं इस बात की भी आशंका है कि बाजार में कुछ लोग बड़े नोटों को छोटे नोटाें से बदल रहे हैं. इससे उन्हें कमीशन भी मिल रहा है और बड़े नोटों की जमाखाेरी भी हो रही है. यही वजह है कि न तो बैंकों में बड़े नोट लौट रहे और न ही एटीएम में ही भरा जा रहा़ इधर, बड़े नोटों के अभाव में जिन एटीएम में दस लाख तक की क्षमता है, वहां आधी से भी कम रकम रखनी पड़ रही है.
आरबीआइ से बैंकिंग चेस्टों को काफी कम नोटों की आपूर्ति हो पा रही है. एेसे में ज्यादातर बैंक चेस्ट जल्द खाली हो जा रहे हैं. इस स्थिति से निबटने के लिए बैंकों के साथ बैठक कर आरबीआइ को जल्द ही त्राहिमाम संदेश भेजा जाएगा़
चंद्रशेखर साह, अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक, भागलपुर

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