भागलपुर: हमें किसी भी प्रकार के व्यसन से बचना चाहिए. व्यसन में नशा आता है. नशा हमारा नाश करता है. उक्त बातें समणी ज्योति प्रज्ञा ने बुधवार को मुसलिम एजुकेशन कमेटी प्रशाल में अणुव्रत के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए कही.
उन्होंने ‘लालच आंखों से, भय दिल से व बीमारी पेट से’ के सिद्धांत पर चर्चा की. समणी मानस प्रज्ञा ने भी चेतना जागृति के उपदेश दिये. मौके पर मुसलिम हाइ स्कूल के प्राचार्य मो नसीम, उर्दू गल्र्स हाई स्कूल की प्राचार्य नैयर परवीन, सबीहा फैज, रियाज उद्दीन, उज्जैन मालू, अशोक जिवराजिका, लक्ष्मी नारायण डोकानिया, अमृत, पवन आदि उपस्थित थे.
अणुव्रत संकल्प यात्र डीपीएस व सेंट्रल जेल पहुंची. अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक व जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के संस्थापक आचार्य तुलसी की शिष्या समणी ज्योति प्रज्ञा जी व समणी मानस प्रज्ञा जी दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रों से मिली.
दोनों ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अणुव्रत आंदोलन का मुख्य उद्देश्य व्यसन मुक्ति, पर्यावरण सुधार व स्वस्थ समाज की संरचना है. इस संबंध में बच्चों को जागरूक रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अणुव्रत एक आचार-संहिता का नाम है. किसी भी संप्रदाय में रहता हुआ व्यक्ति अणुव्रती बन सकता है.
विद्यालय की प्राचार्या डॉ अरूणिमा चक्रवर्ती ने कहा कि आचार्य तुलसी एक महान संत थे. उन्होंने जिन मानवीय मूल्यों व आदशरे की स्थापना की वह युगों-युगों तक समस्त मानव जन का पथ प्रदर्शक रहेगा. कार्यक्रम में 200 से अधिक विद्यार्थी, शिक्षक आदि ने हिस्सा लिया. इस मौके पर अभिषेक बोथरा, पवन सेठिया आदि उपस्थित थे. सेंट्रल जेल में कमांडेंट नीरज कुमार झा ने अणुव्रत यात्र के अतिथियों का स्वागत किया. समणी मानस प्रज्ञा ने महिला कैदियों को अणुव्रत अपनाने की अपील की. समणी ज्योति प्रज्ञा ने कहा कि हर व्यक्ति जैन न सही, गुड मैन अवश्य बनें. कार्यक्रम में 225 कैदी ने हिस्सा लिया. मौके पर अधीक्षक, उपाधीक्षक, राजू वैद्य, मांगी लाल सेठिया आदि उपस्थित थे.