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पंसस को आर्थिक तंगी, कमाने गये पटना, भेजा इस्तीफा
नारायणपुर : आर्थिक तंगी से परेशान नारायणपुर प्रखंड की भवानीपुर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य रमेश कुमार कमाने पटना चले गये हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा प्रखंड प्रमुख रिंकू यादव को डाक द्वारा भेज दिया है. पंचायत समिति सदस्य रमेश कुमार का कहना है कि इन दिनों वह अपने घर की आर्थिक तंगी से बहुत कष्ट […]
नारायणपुर : आर्थिक तंगी से परेशान नारायणपुर प्रखंड की भवानीपुर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य रमेश कुमार कमाने पटना चले गये हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा प्रखंड प्रमुख रिंकू यादव को डाक द्वारा भेज दिया है. पंचायत समिति सदस्य रमेश कुमार का कहना है कि इन दिनों वह अपने घर की आर्थिक तंगी से बहुत कष्ट में थे, इसलिए वह अर्थोपार्जन के लिए बाहर चले आये. स्वेच्छा से मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं. हालांकि अभी तक रमेश का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. रमेश को इस्तीफा विधिवत बीडीओ को भेजना चाहिए.
कहते हैं रमेश : रमेश ने बताया कि उनके ऊपर बूढ़े माता पिता, भाई व परिवार के साथ साथ एक छोटे भाई और एक मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी बहन व उसके दो बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी है. उसके पिता को पांच सौ रुपये वृद्धा पेंशन और एक माह में 33 किलो अनाज मिलता है. इतने से गुजारा संभव नहीं है. इस स्थति में वह क्या करे. रमेश ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वह कमाई करने के लिए पंसस बना. मुझे लगा सरकार अब प्रतिनिधियों को भत्ता भी देती है और वह दिहाड़ी भी कर लेगा. यह सब सोचते हुए वह जनप्रतिनिधि बना. लेकिन वह गलत निकला. न तो वह जनता का एक भी काम कर सका और न ही अपने परिवार की परवरिश.
कहते हैं बीडीओ : नारायणपुर के बीडीओ सत्येंद्र कुमार ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और न ही प्रखंड प्रमुख ने उन्हें किसी प्रकार की जानकारी दी है. इस सदर्भ में प्रखंड प्रमुख से बात किया जायेगा. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर उन्हें कुछ लोगों ने इसकी सूचना दी है, लेकिन इस आधार पर किसी प्रकार की कार्रवाई संभव नहीं है.
कहती हैं प्रमुख : इधर प्रखंड प्रमुख रिंकू यादव ने कहा कि उन्हें इस्तीफा पत्र प्राप्त हुआ है वे इसे बीडीओ को अग्रसारित करेंगे. प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि मंटू यादव ने कहा कि उन्हें सूचना मिल रही है कि पंचायत समिति सदस्य की नौकरी फौज में लग गयी है. इसलिए उसने इस्तीफा दे दिया है लेकिन वे इस बात को पक्के तौर पर नहीं कह सकते हैं क्योंकि उन्हें पंचायत समिति सदस्य से बात नहीं हुई है. फौज में नौकरी लग जाने की बात गांव में हो रही है.
जब प्रभात खबर ने पंचायत समिति सदस्य के मोबाइल पर संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उनकी नौकरी नहीं लगी है. वह घर की आर्थिक तंगी से परेशान हो कर पटना कमाने आये हैं.
पंचायत समिति सदस्य बनकर कहीं के नहीं रहे रमेश
पंसस रमेश ने कहा कि मैं लोगों को ठग नहीं पाया. मैं मौजूदा राजनीति में फिट नहीं हो पाया. यही कारण रहा कि मैं पैसा नहीं कमा सका और राजनीति को अलविदा कह मेहनत मजदूरी करने चला आया. चार साल पहले एक महादलित परिवार का लड़का जिंदगी से जूझते हुए अपने सपने को साकार करने की दिशा में बढ़ा था. जेपी कॉलेज नारायणपुर से रमेश ने इंटर पास किया था. वह अभाविप की राजनिति में सक्रिय है. इंटर पास करने के बाद स्नातक में नामांकन कराया. रमेश बेधड़क दिहाड़ी मजदूरी कर के अपने परिवार को भी चलाता था. स्नातक खंड पार्ट टू में पढ़ाई के दौरान उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंसस से नामांकन कराया. रमेश की इमानदारी को देखते हुए गांव के लोगों ने उन्हें जिताया भी. इसके बाद रमेश की जिंदगी में बदलाव आना शुरू हा गया. रमेश अब चाह कर भी दिहाड़ी मजदूरी नहीं कर सकता था.
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