भागलपुर : कोसी-सीमांचल के सात जिलों सहरसा, सुपौल, मधेपुरा व पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह है. नेपाल में हो रही मूसलधार बारिश और कोसी बराज से छोड़े जा रहे पानी की वजह से कोसी में उफान जारी है. जिलों में अलग-अलग घटनाओं में सोमवार को डूबने से 25 लोगों की मौत हो गयी. अापदा प्रबंधन िवभाग के अनुसार बाढ़ से अब तक 41 लोगों की मौत हुई है. अररिया व किशनगंज में एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ राहत कार्य शुरू कर दिया है. कटिहार में महानंदा तटबंध टूटने से सात प्रखंडों की दस लाख की आबादी प्रभावित है. रेल व सड़क संपर्क भंग हो गया है.
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बाढ़ हुई िवकराल, 28 मरे पुल बहे, ट्रेनें की गयीं रद्द काेसी-सीमांचल के सात जिलों में कहर बरपा रहा पानी
भागलपुर : कोसी-सीमांचल के सात जिलों सहरसा, सुपौल, मधेपुरा व पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह है. नेपाल में हो रही मूसलधार बारिश और कोसी बराज से छोड़े जा रहे पानी की वजह से कोसी में उफान जारी है. जिलों में अलग-अलग घटनाओं में सोमवार को डूबने से 25 लोगों की मौत […]
बाढ़ हुई िवकराल…
सहरसा में सिमरी बख्तियारपुर व सलखुआ के लगभग 12 पंचायत बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. पूर्वी कोसी तटबंध के निकट बहुरवा बासा से कोशी बांध आ रही नाव ओवरलोडिंग की वजह से नाव बीच नदी में पलट गयी. नाव पर एक दर्जन महिला-पुरुष सहित दस बकरी और अनाज लोड था. लोग बाल-बाल बचे. इधर, महिषी प्रखंड में भी अलग-अलग घटनाओं में डूबने से तीन बच्चे की मौत हो गयी.
सुपौल में कोसी नदी के बढ़ते-घटते जलस्तर के कारण नदी का दबाव पूर्वी व पश्चिमी तटबंधों पर बना हुआ है. सुपौल, किसनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, मरौना, निर्मली व बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत तटबंध के भीतर बसे गांवों में अफरा-तफरी का माहौल है. तटबंध के भीतर अब तक लगभग 160 घर कोसी में समा चुका है. कोसी नदी के सीपेज से निकलने वाली हैया नदी, दिघी, गेड़ा सहित अन्य सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बारिश की वजह से वीरपुर-अररिया का संपर्क सड़क भी ध्वस्त हो गया है. बराज से डिस्चार्ज लगभग तीन लाख के आंकड़े को छू रही है.
मधेपुरा में नदियों के बढ़े जलस्तर के बाद जिले के 13 प्रखंड में से चार प्रखंड अत्यधिक प्रभावित हुए हैं, जबकि चार प्रखंड में इसका आंशिक असर है. आलमनगर, चौसा, कुमारखंड व मुरलीगंज में नदियों का जलस्तर बढ़ने का सर्वाधिक असर दिख रहा है. वहीं सदर प्रखंड, सिंहेश्वर, शंकरपुर व घैलाढ़ के भी कई हिस्से जलप्लावित है. एनएच 106 पर बने डायवर्सन पर तेज बहाव की वजह से खतरा मंडरा रहा है.
अररिया में बाढ़ की स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है. परमान सहित विभिन्न नदियों में आयी उफान के बाद जिला मुख्यालय सहित जोकीहाट प्रखंड, पलासी प्रखंड व अररिया का पूर्वी भाग, फारबिसगंज का पूर्वी भाग के अलावा रानीगंज के गितवास व नरपतगंज प्रखंड के कई पंचायतों की हालत खराब है. एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम रविवार की देर रात अररिया पहुंच गयी. एनडीआरएफ व एसडीआएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू का काम शुरू कर दिया गया है.
किशनगंज जिला मुख्यालय स्थित रुइधासा, सेंट चाइल्ड रोड, रुइधासा हनुमाननगर, विवेकानंद कॉलोनी, डे मार्केट, गांधी चौक, चूड़ीपट्टी के सड़क पर पानी भरा हुआ है. एनडीआरएफ की टीम के द्वारा राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया. हालांकि मेची नदी का जलस्तर कम होने से ठाकुरगंज के इलाके के लोगों को थोड़ी राहत मिली है.
पूर्णिया के डगरुआ प्रखंड क्षेत्र के बभनी पंचायत के सीमावर्ती गांव बनेली, महेशपुर व रूपैली के बीच महानंदा परमान तटबंध के तीन अलग-अलग जगहों पर टूटने से एक दर्जन से अधिक गांव भीषण बाढ़ की चपेट में आ गया है. बांध के स्पर में रिसाव अब भी जारी है. जलालगढ़ की 50 हजार आबादी से संपर्क बिल्कुल खत्म हो गया. बायसी अनुमंडल का हाल तो और भी बुरा है. एनएच-31 के किनारे हर तरफ पानी ही पानी है.
कटिहार जिले में महानंदा तटबंध के आधा दर्जन जगहों पर टूटने की वजह से बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. बाढ़ के पानी से आधा दर्जन प्रखंड की करीब 10 लाख की आबादी प्रभावित हो चुकी है. करीब दो लाख से अधिक लोग बाढ़ के पानी में अब तक फंसे हुए हैं. सोमवार दोपहर के बाद एनडीआरएफ की दो टीम, एसडीआरएफ की दो तथा सेना की तीन कंपनी कटिहार पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गयी है. कटिहार-बारसोई रेलखंड के झौआ में रेलवे ट्रैक पर पानी पहुंच जाने की वजह से इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है. वहीं कटिहार-एनजेपी रेलखंड के तेलता ब्रिज संख्या 133 महानंदा के बाढ़ से बह गया. ब्रिज के नीचे का सतह पूरी तरह से कट कर बह गया. इससे ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से बाधित हो गया है. इसके कारण पूर्व मध्य से पूर्वोतर के एनजेपी व असम जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, बाढ़ से निबटने को िबहार को हर संभव सहायता
कटिहार-एनजेपी रेलखंड का तेलता ब्रीज (133) बाढ़ में हो गया ध्वस्त.
राहत और बचाव के िलए जो भी होगा, हम करेंगे
पटना/पूर्णिया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पूर्णिया प्रमंडल के बाढ़ग्रस्त चारों जिलों पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ से हुई तबाही को जायजा लिया. साथ ही मंत्रियों व अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत व बचाव कार्य के लिए आवश्यक निर्देश दिये. लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में रविवार से ही राहत व बचाव के काम युद्ध स्तर पर किये जा रहे हैं. इसके लिए जो कुछ भी जरूरी होगा, वे सारे काम किये जायेंगे.
वायुसेना के हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट गिराये जा रहे हैं
राहत और बचाव…
उन्होंने मांग के अनुसार तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद भी दिया. सीएम मंगलवार को पटना में झंडोत्तोलन के बाद दरभंगा, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे व राहत कार्यों का जायजा लेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी का प्रवाह, खासकर महानंदा नदी व कनकई नदी में बहुत तेज था. फ्लैश फ्लड के बाद जैसा नुकसान होता है, वैसा ही नुकसान देखने को मिला है. काफी सड़कें टूटी हैं. कई जगह पुलों पर भी असर पड़ा है. फोर लेन पर महानंदा नदी के ऊपर बने पुल पर एहतियात के तौर पर ट्रैफिक को रोकना पड़ा है. सीएम ने कहा कि चंपारण और सीतामढ़ी में सेना की तैनाती की जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सारे काम होंगे. रिलिफ कैंप भी चलेंगे और जो रिलिफ कैंप में रहना पसंद नहीं करते हैं, उनके लिए भोजन का इंतजाम किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अररिया और किशनगंज का बड़ा हिस्सा, पूर्णिया के तीन प्रखंड और कटिहार का एक प्रखंड अब तक बाढ़ से पीड़ित है. लेकिन, सबसे ज्यादा पीड़ित अररिया शहर, फारबिसगंज और किशनगंज शहर है. कोई सोच भी नहीं सकता है
कि अररिया और किशनगंज की चारों तरफ पानी फैल सकता है. अब तक लोगों का अनुभव इस प्रकार का नहीं रहा है. मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण से लौटने के तुरंत बाद 1, अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और पथ, आपदा प्रबंधन व ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक की, जबकि सर्वेक्षण से पहले पूर्णिया के चूनापुर सैन्य हवाई अड्डे पर आपदा प्रबंधन मंत्री एवं अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और वस्तुस्थिति का जायजा लिया.
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