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एड्स पीड़ित को दे दिया मृत्यु प्रमाणपत्र

बलिया/डंडारी (बेगूसराय) . कहा गया है कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं. लेकिन, इसे गलत साबित करते हुए बेगूसराय सदर अस्पताल के चिकित्सक ने असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को मृत घोषित कर भगवान के नाम को कलंकित किया है. एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करना संभवत: राज्य में पहली घटना होगी. […]

बलिया/डंडारी (बेगूसराय) . कहा गया है कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं. लेकिन, इसे गलत साबित करते हुए बेगूसराय सदर अस्पताल के चिकित्सक ने असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को मृत घोषित कर भगवान के नाम को कलंकित किया है. एक जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करना संभवत: राज्य में पहली घटना होगी. मामला डंडारी थाने के मेहा गांव का है. गांव का सुरेश मोची, पिता जगदीश मोची, उम्र करीब 45 वर्ष अचानक बीमार पड़ गया. परिजन उसे इलाज के लिए जिले के एक नर्सिग होम में ले गये, जहां उसकी बीमारी क ा पता नहीं चल सका. दिन-प्रतिदिन उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी. परिजन सुरेश को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच ले गये. वहां चिकित्सकों ने जांचोपरांत एचआइवी पॉजिटिव पाया. उसके बाद उसका इलाज होने लगा. बाद में डॉक्टरों ने सलाह दी कि तुम लोग बेगूसराय में ही उसका इलाज करवाओ. चिकित्सकों की सलाह मान परिजनों ने सुरेश को सदर अस्पताल, बेगूसराय में भरती करवाया. उसके बाद से उसका इलाज चलने लगा. चिकित्सकों ने पीड़ित को ब्लड भी चढ़ाया. लगभग 15 दिन इलाज चलने के बाद अचानक 26 नवंबर को चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसे उसके घर मेहा एंबुलेंस संख्या बीआर/पीइबी401 से भेज दिया. जब पत्रकारों को इसकी जानकारी एक दिसंबर को मिली, तो उसके परिजन मृत्यु प्रमाणपत्र देख चकित रह गये. पीड़ित की पत्नी सुनीता देवी ने बताया कि 26 नवंबर को अचानक चिकित्सक ने मेरे पति को मृत बता कर घर ले जाने को कहा. घर आने पर गांव के लोगों ने जब देखा, तो पता चला कि वह जिंदा है. उसकी सांसें चल रही थीं. पीड़ित की पत्नी ने बताया कि मेरे पति कई वर्षो से गुवाहाटी में मजदूरी करते थे. तीन महीने पहले उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण इलाज कराने गये. वहां जिंदा में ही मेरे पति को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. मुङो सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर से भरोसा उठ गया है. वहीं, सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ हरिनंदन सिंह ने बताया कि इस संदर्भ में मुङो सोमवार को जानकारी मिली है. अस्पताल के चिकित्सकों से भारी गलती हुई है.सिविल सजर्न डॉ सोनेलाल अकेला से परामर्श कर जांच टीम का गठन कर पीड़ित परिवार से जानकारी लेकर दोषी व्यक्ति पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि पीड़ित व्यक्ति के परिजन के दबाव में आकर चिकित्सकों ने उसे मृत्यु प्रमाणपत्र दे दिया. पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत महादलित आयोग तथा मुख्यमंत्री से करने की बात कही है. डंडारी के जिला पार्षद झूना सिंह का कहना है कि डॉक्टर पर अगर कठोर कार्रवाई नहीं की गयी, तो हम लोग सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे.

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