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आठ ट्रकों को एक साथ कराया जाता है नदी पार
बीहट : जीर्णोद्धार का कार्य चल रहे राजेंद्र पुल पर रोज लग रहे जाम के चलते बालू लोगों को महंगी व मनमानी दर पर खरीदना पड़ता था. राजेंद्र पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक के चलते मनमाने दर पर बालू की बिक्री हो रही थी. इससे परेशान बालू व्यवसायियों ने नयी व्यवस्था के […]
बीहट : जीर्णोद्धार का कार्य चल रहे राजेंद्र पुल पर रोज लग रहे जाम के चलते बालू लोगों को महंगी व मनमानी दर पर खरीदना पड़ता था. राजेंद्र पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक के चलते मनमाने दर पर बालू की बिक्री हो रही थी. इससे परेशान बालू व्यवसायियों ने नयी व्यवस्था के तहत सिमरिया गंगा घाट में बालू की ढुलाई जहाज(डग) के सहारे शुरू कर दी है.
जहाज को खड़ा करने के लिए सिमरिया गंगा घाट स्थित शवदाह गृह के निकट तथा दूसरी ओर हथिदह रेलवे स्टेशन के सामने गंगा घाट किनारे मिट्टी व बालू काट कर अस्थायी रू प से प्लेटफॉर्म का निर्माण कर ट्रकों के आने-जाने का रास्ता बनाया गया है. जानकारी के अनुसार, ट्रायल बेसिस पर फिलहाल एक जहाज (डग) के सहारे शुरू हुई व्यवस्था अगर कारगर हुई तो आनेवाले दिनों में इस तरह के जहाजों की संख्या में बढ़ोतरी की जायेगी.
बताया जाता है कि एक बार में 8 ट्रकों को एक साथ लोड करने की क्षमतावाले उक्त जहाज से हथिदह से सिमरिया घाट तक गंगा नदी पार कराने के एवज में 10 चक्का वाले ट्रक से 3100 रुपये एवं 12 चक्कावाले ट्रकों से 3300 रुपये एवं खाली ट्रक से एक हजार रुपये लिए जा रहे हैं.
एक ट्रक व में 6 ट्रैक्टरों के बराबर बालू लोड रहता है, जबकि हथिदह से एक ट्रैक्टर बालू लाने का खर्च लगभग 1500 रुपये पड़ता है. नयी व्यवस्था से जुड़े बालू व्यवसायियों में जहां एक ओर खुशी का माहौल है, वहीं दूसरी ओर ट्रैक्टर के धंधेबाजों, बिचौलियों में मायूसी है.
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