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हर-हर गंगे से गूंज उठा सेमरिया घाट
बीहट : मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं की भीड़ सिमरिया घाट पर उमड़ पड़ी. सूर्य का मकर राशि में प्रवेश के साथ ही गुरुवार की अहले सुबह से दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं ने सिमरिया गंगा घाट पर हर-हर गंगे के जयकारे के साथ डुबकी लगायी. पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने घाट […]
बीहट : मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान करनेवाले श्रद्धालुओं की भीड़ सिमरिया घाट पर उमड़ पड़ी. सूर्य का मकर राशि में प्रवेश के साथ ही गुरुवार की अहले सुबह से दूर-दराज से आये श्रद्धालुओं ने सिमरिया गंगा घाट पर हर-हर गंगे के जयकारे के साथ डुबकी लगायी.
पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने घाट स्थित विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना कर पूरे वर्ष परिवार की सुख-शांति की कामना की एवं तिल, गुड़, चावल, चूड़ा आदि का दान दिया. कड़ाके की ठंड के बाद भी बेगूसराय के अलावा समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, लखीसराय, शेखपुरा सहित आसपास के जिलों से श्रद्धालु पहुंचे थे. वहीं, यह पर्व दो दिन हो जाने से लोगों में ऊहापोह की स्थिति थी. फिर भी ज्यादातर लोगों ने गुरुवार को ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया.
समृद्धि का प्रतीक है पर्व : कालीधाम के संस्थापक स्वामी चिदात्मनजी ने मकर संक्रांति को समृद्धि का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसमें चूड़ा, दही, तिलकुट और खिचड़ी का स्वाद है, तो माघ स्नान का पुण्य भी है. इस दिन तिल और गुड़ से बनी वस्तुओं का दान और खाने से लाभ होता है.
मकर संक्रांति पर मिलन समारोह : गढ़हारा. मकर संक्रांति को लेकर गुरुवार को लोगों में काफी उत्साह देखा गया. वैसे कुछ जगहों पर लोगों ने 14 जनवरी को भी मकर संक्रांति का त्योहार मना लिया. मौके पर लोगों ने गंगा स्नान कर तिल से बने सामान ग्रहण किया. वार्ड संख्या 14 की पार्षद सुभद्रा देवी के आवास पर मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों ने दही व चूरा का लुत्फ उठाया. मौके पर ध्रुवनारायण लाल, प्रह्वाद लाल, गोपीनाथ साह, रामबाबू, प्रमोद चौधरी, हीरा, मदन साह समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
गढ़पुरा प्रतिनिधि के अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार प्रखंड क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर लोगों ने अपने-अपने घरों में पूजा-पाठ कर प्रसाद चढ़ाया और लोगों में भी बांटे. वहीं, मिथिलांचल की पावन देवनगरी बाबा हरिगिरिधाम में भी लोग जलार्पण व पूजा-अर्चना की. छौड़ाही प्रतिनिधि के अनुसार मकर संक्रांति को लेकर गुरुवार की अहले सुबह से ही क्षेत्र के श्रद्घालु पवित्र नदी, सरोवरों में डुबकी लगाते देखे गये. स्नान के बाद लोग मंदिरों में जलाभिषेक कर दान-पुण्य किया. इस पर्व में चूड़ा-दही व लाई-तिलवा की खूब बिक्री हुई. लोग अपने रिश्तेदारों व मित्रों के यहां प्रसाद भेजते देखे गये.
बलिया प्रतिनिधि के अनुसार बलिया एवं डंडारी में मकर संक्रांति के मौके पर सुबह से ही लोग गंगा में डुबकी लगाने लगे. स्नान के बाद दही-चूड़ा, तिल, चावल, खिचड़ी चढ़ा कर स्वयं भोजन किया एवं ब्राह्मणों को दान भी दिया. पर्व को लेकर बच्चे-बूढ़े सहित सभी लोगों में उत्साह का माहौल देखा गया.
तेघड़ा प्रतिनिधि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया. लोगों ने गंगा नदी व बलान नदी में डुबकी लगायी. बच्चे, जवान, बूढ़ों ने चूड़ा-दही, तिलकुट-तिलवा खाकर पर्व मनाया. वहीं, बच्चों ने पतंगबाजी का आनंद उठाया. बड़ी संख्या में लोग चूड़ा-दही, तिलकुट-तिलवा लेकर संबंधियों के यहां रवाना हुए. लोगों ने ब्राrाणों को चावल-दाल आदि सामान का वितरण किया.
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