29 वर्ष बाद आस्था के प्रतीक अष्ट की धातु की भगवान बरबर स्वामी एवं भगवान राम भक्त हनुमान को भोजपुर जिला के कृष्णगढ़ थाना के कैद से मुक्ति मिल गयी. कोर्ट के आदेश पर 27 साल बाद मंगलवार को कृष्णगढ़ थाना के मालखाना में कैद बरबर स्वामी एवं हनुमान जी की मूर्तियों को बाहर निकाला गया. इसके बाद थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार के नेतृत्व में पुजारी नंद जी पांडेय ने विधिवत पूजा-अर्चना की. तब ले जाकर कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के ही गुंडी गांव स्थित भगवान रंगनाथ स्वामी के मंदिर में पुन: स्थापित की गयीं. इसी मंदिर से 29 वर्ष पहले चोरों ने दोनों मूर्तियों की चोरी कर ली थी.
गुप्त सूचना के आधार पर 1996 में नगर थाना क्षेत्र के सिंगही कुएं से मूर्तियों बरामद किया गया था. आज तक कोट के आदेश के बिना कृष्णागढ़ थाना के मालखाने में दोनों मूर्तियां कैद थीं. उन्हें छुड़ाने को लेकर आचार्य किशोर कुणाल गुंडी गांव स्थित रंगनाथ मंदिर पहुंचे थे.
मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा यह निर्णय दिया गया कि न्यायहित में दोनों मूर्तियों को तत्काल रिहा किया जाये. बता दें कि 23 मार्च को अजीत कुमार दूबे अधिवक्ता द्वारा वकालतनामा के लिए कहा गया था. न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया कि सभी अभियुक्तों की अनुपस्थिति में उनके खिलाफ लगाये गये आरोप से बरी किया जाता है. जब्त सामान भगवान हनुमान एवं बरबर स्वामी की मूर्ति बड़हरा थाना के मलखाना में रखा गया है. इस मामले का निपटारा न्यायहित में जरूरी है. तत्काल हनुमान जी एवं बरबर भगवान की मूर्तियों को मुक्त किया जाये. बता दें कि पुजारी नंद जी पांडेय के पक्ष में कोर्ट द्वारा याचिका का अवलोकन किया गया. इसके बाद न्यायालय से दोनों मूर्तियों को मुक्त करने के निर्णय पर सैकड़ों लोगों ने अपनी खुशी जाहिर की.
गुंडी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान के मंदिर से चोरी गयीं बरबर स्वामी एवं भगवान हनुमान को जमानत कराने को लेकर तीन साल पहले धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल गुंडी गांव में पहुंचे थे. इसके बाद श्रीरंगनाथ मंदिर में भगवान का दर्शन किये थे. उसके बाद मंदिर निर्माता के बारे में जानकारी हासिल की थी. युगल किशोर सिंह उर्फ बबन सिंह से मंदिर में चोरी गयी मूर्ति जिसमें हनुमान और रामानुजाचार्य की मूर्ति को छुड़ाने के लिए विभिन्न पहुलुओं पर चर्चा की थी.