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संकरी हुईं सड़कें, लगता है जाम
जाम का मुख्य कारण शिवाजी चौक पर स्थानीय दुकानदारों के द्वारा सड़क का अतिक्रमण है. यह चौक पहले से काफी संकीर्ण है. दो विपरीत िदशा से जब भी बड़ी गाड़ी आती है जाम की स्थिति बन जाती है. व्यस्त दिनों में इस चौक से लोग गुजरने के बाद खुद को भाग्यशाली मानते हैं. बांका : […]
जाम का मुख्य कारण शिवाजी चौक पर स्थानीय दुकानदारों के द्वारा सड़क का अतिक्रमण है. यह चौक पहले से काफी संकीर्ण है. दो विपरीत िदशा से जब भी बड़ी गाड़ी आती है जाम की स्थिति बन जाती है. व्यस्त दिनों में इस चौक से लोग गुजरने के बाद खुद को भाग्यशाली मानते हैं.
बांका : बुधवार को दोपहर बाद शहर में घंटों जाम लग गया. देखते हीं देखते जाम इतना भयावह हो गया कि घंटों लोगों को जाम का सामना करना पड़ा. मालूम हो कि दोपहर के बाद शहर के शिवाजी चौक पर अचानक जाम लग गया. जिसके बाद यह जाम पुरानी बस स्टैंड, अलीगंज, जमुआ पुल एवं करहरिया रोड तक वाहनों व पैदल यात्रियों की लंबी कतार लग गयी. जाम लगने का मुख्य कारण और कुछ और नहीं बल्कि शिवाजी चौक पर स्थानीय दुकानदारों के द्वारा सड़क अतिक्रमण कर लेना है. एक तो शिवाजी चौक पहले से काफी संकीर्ण है. वहीं दूसरी ओर स्थानीय दुकानदारों ने रोड के दोनों ओर अतिक्रमण कर लिया है.
जिससे बांका की यह मुख्य मार्ग एक पतली गली बन गयी है. ऐसी परिस्थिति में दो विपरित दिशा से आने वाली कोई भी बड़ी गाड़ी के आ जाने से अक्सर इस जगह पर जाम लगना तय हो जाता है. दिन का कोई भी ऐसा पहर नहीं होता है कि शिवाजी चौक पर जाम ना मिले. जब कभी लोग बिना जाम के शिवाजी चौक पार कर जाय तो वह अपने-अपने आप को काफी भाग्यशाली मानते हैं. हालांकि जाम लगने के अन्य करणों में सड़क के ठीक किनारे बिजली का पोल भी शामिल है. जिससे हमेशा जाम लगता है. इस बिजली पोल को हटाने की दिशा में ना तो आज तक बिजली विभाग और ना ही नगर पंचायत ने कोई संज्ञान लिया है. जिसके चलते रोज शहर की जाम से शहरवासी त्रस्त है.
शिवाजी चौक पर ऑटो चालक की मनमानी भी इस कदर व्याप्त है कि जहां मन होता है वहीं ऑटो चालक अपनी गाड़ी को खड़ा कर सवारी बैठाने लगते है. शिवाजी चौक के समीप दाता हयात साह मजार से कुछ ही दूर आगे ढ़ाकामोड़-बांका मुख्य मार्ग पर प्रतिदिन दर्जनों ऑटो चालक कतारबद्ध घंटों ऑटो खड़ाकर सवारी बैठाते है. जिससे भी जाम लगता है. जाम देखने के बाद भी ऑटो चालक अपने ऑटो को आगे नहीं बढ़ाते है. वहीं चौक पर तैनात यातायात पुलिस के कर्मी मूकदर्शक बने रहते है. स्थानीय लोगों की माने तो यातायात पुलिस का ऑटो चालक से साठ-गाठ रहता है.
सब्जी बेचने की नहीं है कोई स्थायी जगह
एक ओर नप प्रशासन द्वारा सड़क किनारे बैठकर सब्जी बेचने वाले दुकानदारों टेक्स वसूली करते है.लेकिन नगर पंचायत द्वारा किसानों के लिए सब्जी बेचने के लिए कोई स्थाई जगह मुकर्रर नहीं किया गया है. वहीं दूसरी ओर शहर के जमुआ जोर पुल पर गरीब किसान सड़क के किनारे खून पसीना बहाकर उपज किये हुए सब्जी को बेच रहे थे. इसी दौरान यातायात प्रभारी दल बल के साथ उस जगह पहुंचे और बिना कुछ बताये किसानों की सब्जी को पुल के नीचे उठाकर फेंकने लगा. जिससे सड़क किनारे सब्जी बेच रहे किसानों के बीच अफरतफरी मच गयी. वहीं सब्जी विक्रेता किसानों ने बताया कि शहर में सब्जी बचेने के लिए टेक्स भरना पड़ता है बावजूद नगर प्रशासन द्वारा अब तक कोई सब्जी का स्थाई बाजार मुहैया नहीं कराया गया है.
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