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शिवाजी चौक पर रोज लग रहा जाम

शहर के मुख्य चौक पर जाम के िलए अतिक्रमण अभिशाप बन कर खड़ा है. वहीं दूसरी ओर इसे हटाने को लेकर प्रशासन लापरवाह बनी हुई है. बांका : बांका नगर पंचायत क्षेत्र की आबादी करीब डेढ़ लाख है. शहरी क्षेत्र के ज्यादातर लोग जिला प्रशासन या अन्य विभागों को विभिन्न प्रकार के टैक्स देकर अपना […]

शहर के मुख्य चौक पर जाम के िलए अतिक्रमण अभिशाप बन कर खड़ा है. वहीं दूसरी ओर इसे हटाने को लेकर प्रशासन लापरवाह बनी हुई है.
बांका : बांका नगर पंचायत क्षेत्र की आबादी करीब डेढ़ लाख है. शहरी क्षेत्र के ज्यादातर लोग जिला प्रशासन या अन्य विभागों को विभिन्न प्रकार के टैक्स देकर अपना जीवन यापन करते हैं.
लेकिन जिला प्रशासन से उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. बांका शहर एक टापू के समान है. यह चारों ओर नदियों से घिरा हुआ है. शहर में प्रवेश और निकास के लिए लोगों को शहर के शिवाजी चौक से हर हाल में गुजरना पड़ता है. लेकिन जैसे ही लोग शिवाजी चौक पहुंचते हैं उन्हें सबसे पहले जाम का सामना करना पड़ता है. क्योंकि दिन के किसी भी पहर में शिवाजी चौक को आसानी से लोग पार नहीं कर सकते. उन्हें हर हाल में जान से जुझ कर ही आगे निकलना होता है, जो लोग किसी समय बिना जाम के चौक पार कर गये वो अपने आप को भाग्यशाली समझते हैं. क्योंकि यह मार्ग संयोग ही होता है कि वो बिना जाम के तुरंत चौक को पार कर जाय.
हालांकि शिवाजी चौक जाम के कई कारण है. जिसे जिला प्रशासन नजर अंदाज किये हुए हैं. यदि जिला प्रशासन चाह ले तो वो किसी भी कीमत पर शिवाजी चौक पर जाम नहीं लगने दे सकता है.
अतिक्रमण का शिकार है शिवाजी चौक
शहर के व्यस्ततम शिवाजी चौक पर स्थानीय दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है. एक कारण यह भी जाम का है. सीओ द्वारा वर्ष में एक बार या दो बार अतिक्रमण हटाये जाने की कवायद की जाती है वो भी हवा हवाई, एक तरफ से वो अतिक्रमण हटा कर जाते हैं और फिर दूसरे दिन से ही दुकानदार पुन: अपने दुकानों के आगे अतिक्रमण कर लेते हैं. जिसका एक मात्र कारण वैसे दुकानदारों के उपर सीओ द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया जाना है. यदि एक भी दुकानदार के उपर कार्रवाई की गयी तो तो शायद यह जानकारी कोई दूसरा दुकानदार रोड को अतिक्रमण करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता जिससे जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलती और शहरवासी आसानी से शिवाजी चौक को पार करते.
बायपास की होती व्यवस्था तो शहर को जाम से मिला जाता छुटकारा
शहर में जाम का सबसे अहम कारण बाईपास रोड का नहीं होना है. बांका को जिला बने करीब 25 वर्ष हो चुके हैं.लेकिन जिला प्रशासन या जनप्रतिनिधियों द्वारा शहर में बाईपास निर्माण की ओर किसी भी प्रकार की रूची नहीं रहने से इसका खामियाजा शहरवासियों को प्रतिदिन भुगतना पड़ता है. सुबह के समय में यदि जाम लोगों को मिल जाय तो नौकरी पेशा लोगों को अपने कार्यालय जाने में लेट हो जाती है. वहीं स्कूली छात्र-छात्राओं को भी विद्यालय पहुंचने में लेट होती है. जिससे कई बार उन्हें अनुपस्थिति का सामना भी करना पड़ता है.
सबसे ज्यादा परेशानी दोपहर के समय होती है. जब स्कूल की बसें बच्चों को लेकर शहर में प्रवेश करती है और उन्हें जाम मिल जाय तो कितना समय उन्हें जाम से निकलने में लगेगा यह कोई नहीं बता सकता. इस बीच स्कूली बच्चे बसों के अंदर भुखे प्यासे तड़पते रहते हैं. यदि बाइपास रोड शहर में रहता तो लोगों को जाम की समस्या का सामना प्रतिदिन नहीं करना पड़ता.

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