करमा पंचायत के करमा गांव के चरितर सिंह का पुत्र दिग्विजय सिंह करमा पर्व को लेकर पास के भदरार पोखर में कमल फूल तोड़ने के लिए घुसा था. अधिक पानी होने की वजह से वह उसमें डूब गया.
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छात्र की मौत पर गांव में छाया मातम तालाब के पास जुटे ग्रामीण.
करमा पंचायत के करमा गांव के चरितर सिंह का पुत्र दिग्विजय सिंह करमा पर्व को लेकर पास के भदरार पोखर में कमल फूल तोड़ने के लिए घुसा था. अधिक पानी होने की वजह से वह उसमें डूब गया. बांका/चांदन : करमा पर्व को लेकर तालाब से कमल फुल तोड़ने के दौरान एक छात्र की मौत […]
बांका/चांदन : करमा पर्व को लेकर तालाब से कमल फुल तोड़ने के दौरान एक छात्र की मौत सोमवार की सुबह को हो गयी. जानकारी के अनुसार करमा पंचायत के करमा गांव के चरितर सिंह का पुत्र दिग्विजय सिंह पर्व को लेकर पास के भदरार पोखर में कमल फूल तोड़ने के लिए घुसा था. अधिक पानी होने की वजह से वह उसमें डूब गया जिससे उसकी मौत हो गयी. तालाब में पानी इतना ज्यादा था कि कोई भी स्थानीय ग्रामीण उसमें घुसने की हिम्मत नहीं कर पा रहा थे. तब स्थानीय लोगों ने पानी निकासी के लिए तालाब के बांध को काट दिया. फिर भी तालाब से पानी कम नहीं हुआ.
उधर कुछ लोग उसे बचाने की कोशिश लगातार कर रहे थे. जिसके लिए ट्यूब से लेकर कई समानों का उपयोग किया. काफी मशक्कत के बाद भी जब ग्रामीण उक्त छात्र को नहीं खोज सके तो फिर उसके बाद बांस की चचरी बनाकर सभी कमल फुल को काटा गया. तब तक काफी देर हो चुकी थी. करीब 12 घंटे के बाद जब तक स्थानीय लोग उसे बचाते तब तक दिग्विजय की मौत हो गयी थी. ग्रामीणों के अनुसार वह पोखर काफी बड़ा है. ग्रामीण के अनुसार सुबह के वक्त पास के हरिपुर गांव का भी एक छात्र पोखर में डूब रहा था. जिसको किसी तरह बचाया गया.
फूल तोड़ने गयी बच्ची की तालाब में डूबने से मौत
चांदन. भादो एकादशी को मनाया जाने वाला करमा-धरमा पर्व को लेकर सोमवार की सुबह फूल तोड़ने के क्रम में तालाब में डूबने से एक बच्ची की मौत हो गयी.
मृत बच्ची की पहचान पार्वती कुमारी (12वर्ष) पिता जल्धर यादव ग्राम पटना के रूप में हुई है. घटना को लेकर पूरे गांव में मातम छाया हुआ है. जानकारी के अनुसार चांदन प्रखंड के कोरिया पंचायत अंतर्गत पटना गांव स्थित लोहरी बांध में सोमवार को कमल का फूल तोड़ने हेतु पार्वती अपनी सहेलियों के साथ घुसी थी. गहरे पानी में डूब रही पार्वती को नहीं बचाने पर सहेलियों द्वारा शोर मचाने पर जब तक ग्रामीण जुटे, तब तक काफी देर हो चुकी थी. ग्रामीणों के प्रयास से काफी मशक्कत के बाद पार्वती को बांध से बाहर निकाला गया. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. घटना को लेकर मृत बच्ची के परिवार में कोहराम मचा हुआ है. गांव में करमा-धरमा पर्व की खुशी मातम में बदल गयी.
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