दस वर्ष का टूटा रिकार्ड, जनवरी में अब तक सबसे कम पड़ी ठंड प्रतिनिधि, धोरैयाजलवायुु परिवर्तन का असर इस बार के सर्द मौसम में परिलक्षित होता दिखाई दे रहा है़ विगत दस वर्षों में बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, जनवरी माह में इतनी कम ठंड नहीं रही. इससे एक ओर जहां जमीन में नमी की कमी रही. वहीं रबी फसल पर इसके दुष्प्रभाव की आशंका है़ क्यों हुई ऐसी स्थितिबीएयू के मौसम विभाग के अनुसार, प्रशांत महासागर के पूर्वी भाग में तापमान ज्यादा हो जाता है जिसे अलनीना कहते है. इस बार इसका प्रभाव काफी रहा़ वहीं पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव उतना नहीं हो सका़ इसका परिणाम यह हुआ कि सितंबर माह से अब तक कभी अच्छी बारिश नहीं हो सकी़ इससे जमीन में नमी बहुत कम रही़ इस वजह से कुहरा नहीं बना अौर ठंड कम रही. क्या होंगे इसके दुष्परिणामगेहूं सहित रबी की अन्य फसलों में कल्ला कम निकलेगा़ इससे उत्पादन प्रभावित होगा, और बिहार के किसान और भी बदहाल होंगे़ कोट: जलवायु परिवर्तन के कारण अलनीना ज्यादा प्रभावकारी रहा़ इससे ठंड कम पड़ाी. आने वाले समय में भी इस बार ठंड कम होती जायेगा़सुनील कुमार, कृषि मौसम वैज्ञानिक, बीएयू सबौरविगत दस वर्ष का जनवरी के तापमानवर्ष अधिकतम न्यूनतम2016 8 जनवरी 25़3 8़ 12015 20़6 8़82014 20़2 10़42013 20़6 5़22012 20़6 9़22011 19़6 6़02010 18़7 6़82009 22़7 9़32008 21़7 8़92007 22़1 7़02006 22़7 8़0
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दस वर्ष का टूटा रिकार्ड, जनवरी में अब तक सबसे कम पड़ी ठंड
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