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अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा रहेगी ठप

बांका : बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ व राज्य आइएमए के आह्वान पर गुरुवार से प्रात: आठ बजे से जिले के सभी चिकित्सक 24 घंटे तक हड़ताल पर रहेंगे. इसमें नियमित, संविदा, दंत व आयुष चिकित्सक शामिल हैं. इस आशय की जानकारी भाषा के जिला सचिव डॉ सुनील झा व आइएमए के जिला सचिव डॉ शैलेंद्र […]

बांका : बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ व राज्य आइएमए के आह्वान पर गुरुवार से प्रात: आठ बजे से जिले के सभी चिकित्सक 24 घंटे तक हड़ताल पर रहेंगे. इसमें नियमित, संविदा, दंत व आयुष चिकित्सक शामिल हैं. इस आशय की जानकारी भाषा के जिला सचिव डॉ सुनील झा व आइएमए के जिला सचिव डॉ शैलेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दी.

कहते हैं जिला सचिव

इस संबंध में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के जिला सचिव डॉ सुनील झा ने बताया कि चिकित्सकों की कमी होने के बावजूद समिति संसाधन होने के बाद भी कार्यरत चिकित्सक अपना सत प्रतिशत योगदान देते हैं. इसके बाद भी उन्हें अब तक न तो केंद्रीय वेतनमान दिया गया है और न ही चतुर्थ डायनेमिक का लाभ ही मिल रहा है. साथ ही निदेशालय में सचिव व उप सचिव स्तर के पद पर प्रशासनिक अधिकारी को तैनात किया जाता है. इन पदों पर चिकित्सकों की नियुक्ति की जानी चाहिए.

कहते हैं आइएमए के जिला सचिव

इस संबंध में आइएमए के जिला सचिव डॉ शैलेंद्र कुमार ने कहा कि चिकित्सकों की कमी रहने के कारण अस्पतालों में पदस्थापित चिकित्सकों के ऊपर मरीजों का अत्यधिक भार रहता है. भार को कम करने के लिए चिकित्सकों को जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए. चिकित्सकों की संख्या धीरे-धीरे अस्पतालों में कम होती जा रही है. इसके बावजूद सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. वहीं दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में बहाल चिकित्सकों को आकर्षक वेतनमान दिया जा रहा है. वहीं बिहार में चिकित्सकों के साथ न इंसाफी हो रही है. जिस कारण जगह रिक्त रहने के बावजूद चिकित्सक यहां आने को तैयार नहीं है. यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो निकट भविष्य में चिकित्सक अनिश्तिकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे. जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ सरकारी पर होगी.

सदर अस्पताल को चलाने के लिए कितने चिकित्सकों की है आवश्यकता : बांका सदर अस्पताल को सुचारु रूप से 24 घंटा चलाने के लिए यहां पर कम से कम 36 चिकित्सकों की आवश्यकता है तभी यहां पर आये किसी भी प्रकार के बीमारियों से संबंधित मरीजों को बैरन वापस नहीं लौटना पड़ेगा और अस्पताल में सरकार द्वारा लगाये गये स्वास्थ्य जांच एवं इलाज के सभी उपकरण नियमित रूप से सुचारु ढंग से चल सकेंगे. वर्तमान में जो भी उपकरण अस्पताल में लगे है चिकित्सकों के अभाव के कारण वह भी बंद पड़े है और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. यहां से उन्हें भागलपुर रेफर कर दिया जाता है, लेकिन मरीज भागलपुर पहुंचने से पहले रास्ते में ही दम तोड़ देता है. यदि सदर अस्पताल में सभी व्यवस्था चालू हो जाय तो बांका का मृत्यु दर घट जायेगा.

कहते हैं सिविल सजर्न

इस संबंध में सीएस जितेंद्र कुमार ने बताया कि सभी चिकित्सक के हड़ताल पर जाने के कारण अस्पताल में मरीज तैनात नर्स, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मी के हवाले 24 घंटे रहेंगे. हड़ताल की सूचना हमलोग राज्य को भेज रहे हैं.

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