बांका : जिप अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह व उपाध्यक्ष अर्चना सिंह अपनी कुर्सी को बचाने में सफल रहे. अब उनका शेष कार्यकाल बिना बाधा अनवरत जारी रहेगा. बुधवार को डीएम कुंदन कुमार के नेतृत्व में जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर समाहरणालय सभागार में सदन लगाया गया. परंतु नियत समय पर महज नौ सदस्य ही मौजूद रहे. यहां तक कि जिप अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 16 जिप सदस्य भी सदन नहीं पहुंचे.
नतीजतन, डीएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए मानक के अनुरूप जिप सदस्यों की उपस्थिति नहीं होने पर इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया. जानकारी के मुताबिक जिप सदस्यों को सदन में आने के लिए कई बार माइकिंग भी किया गया. परंतु नौ के अलावा दसवां जिला पार्षद कहीं नजर नहीं आया. जिसके बाद जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा समाप्त हो गया. जानकारी के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सदन में जिप सदस्यों की उपस्थिति 51 फीसदी होनी चाहिए. जिसके मुताबिक 25 जिप सदस्यों में अविश्वास प्रस्ताव के लिए न्यूनतम 13 सदस्यों की उपस्थिति जरुरी थी.
लेकिन सदन में महज नौ सदस्य ही पहुंचे. वहीं अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने पर जहां विरोधी खेमा में मायूसी देखी गयी, वहीं जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के गुट में जश्न का माहौल दिखा. जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को उनके समर्थकों ने माला पहनाकर बधाई दी. साथ ही समर्थकों ने जमकर अबीर-गुलाल भी उड़ाए. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर समाहरणालय परिसर व आसपास सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था. समाहरणालय परिसर में भी भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. प्रत्येक आने-जाने वालों का पर पैनी नजर रखी जा रही थी. जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को पूर्व को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, भाजपा नेता मनोज यादव, पूर्व जिप उपाध्यक्ष नीलम सिंह, अंगद कुशवाहा सहित अन्य शुभ चिंतकों ने बधाई दी. वहीं अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने से कई दिग्गज राजनीतिकारों के साथ-साथ मौजूदा जिप सदस्यों को झटका लगा है.