औरंगाबाद शहर : जिले के सभी 11 प्रखंडों के बीइओ व डीपीओ भ्रष्टाचार को चरमसीमा पर लेकर जा रहे है. शिक्षकों का कोई भी काम बिना कमीशन का नहीं हो पा रहा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के भोलेपन का लाभ सभी उठा रहे हैं. शिक्षको के कई ज्वलंत मुद्दे हैं, जिस पर कतई विचार करने को कोई भी तैयार नहीं है.
स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति, लंबित एरियर का भुगतान, समय से वेतन भुगतान ये सभी ऐसे मुद्दे हैं, जिस पर कोई सुनना नहीं चाहता. पदाधिकारियों के साथ-साथ किरानी तक इसको नजरअंदाज कर रहे हैं. शिक्षा विभाग के सचिव नियमों को ताक पर रख कर पदाधिकारी अफसरशाही दिखा रहे हैं. ये बातें शनिवार को बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष जयंत कुमार सिंह ने कहीं.
जयंत ने कहा कि सामंजन के दौरान तीन-चार बातों का पालन करना था, जैसे सितंबर 2016 तक के विद्यालय में छात्रों की नामांकन संख्या, प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक, प्राथमिक स्तर तक 30 बच्चों के अनुपात में एक शिक्षक तथा मिडिल स्तर तक 35 बच्चों के अनुपात में एक शिक्षक, लेकिन मनमाने तरीके से 40 के अनुपात में एक शिक्षक की संख्या ठहरा कर शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है. प्रेसवार्ता में संघ के उपाध्यक्ष बख्तियार शम्सी, कोषाध्यक्ष कैशर नवाब, राजीव कुमार यादव, भीम यादव, उदय कुमार मौजूद थे.