– सुजीत कुमार सिंह –
पोशाक व छात्रवृत्ति की राशि की मांग को लेकर एनएच-दो जाम
औरंगाबाद : छात्रवृत्ति, पोशाक व साइकिल योजना की राशि वितरण में अनियमितता का दौर जारी है. सामाजिक उत्सव के तहत वितरण किये जा रहे राशि में अनियमितता को लेकर औरंगाबाद जिले में प्रतिदिन कहीं-न-कहीं छात्र-छात्राएं प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके बाद भी शिक्षा विभाग के नीतियों में बदलाव होता नहीं दिख रहा है.
वर्ष 2013 में भी राशि वितरण को लेकर दर्जनों विद्यालयों में छात्र-छात्राओं व अभिभावकों ने प्रदर्शन किया था. समीप के सड़क को जाम कर यातायात को प्रभावित भी किया था, लेकिन एक वर्ष बीत गये, इस व्यवस्था में बदलाव नहीं हुआ. आज भी स्थिति वही है. शासनिक प्रशासनिक पदाधिकारी भी इस मामले से अनजान नहीं हैं.
कई विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने जिलाधिकारी से मिल कर भी अनियमितता से संबंधित शिकायतें दर्ज करायी है. विद्यालयों में राशि वितरण के दौरान एक दंडाधिकारी के साथ पुलिस बलों की व्यवस्था भी करायी गयी थी. लेकिन, इसका असर नहीं दिखा.अधिकतर विद्यालयों में न दंडाधिकारी पहुंचे, न पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी.
ये सिर्फ कागजों पर ही हुआ. अलग बात है कि राशि वितरण व्यवस्था को पदाधिकारी व शिक्षक सुदृढ़ बता कर सरकार को भेज दी. सोमवार को सड़क जाम का सिलसिला भी जारी रहा. मध्य विद्यालय कनबेहरी के छात्र-छात्राओं ने राशि वितरण में प्रधानाध्यापिका की लापरवाही और मनमानी को लेकर राष्ट्रीय राज मार्ग दो को जाम किया. सड़क घंटों जाम रही, लेकिन न शिक्षा विभाग के पदाधिकारी ही जाम स्थल तक पहुंचे और न शासनिक पदाधिकारी. बच्चों ने घंटों तांडव किया.
इस दौरान पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा अपने काफिले के साथ सड़क जाम में फंसे रहे. प्रधानाध्यापिका ने थक हार कर छात्र-छात्राओं के बीच राशि वितरण की बात कही, तब जाकर छात्र-छात्राओं ने सड़क जाम हटाया. लेकिन, सवाल यह है कि आखिर इस व्यवस्था का जिम्मेवार कौन है. शिक्षा विभाग के पदाधिकारी या विद्यालय के शिक्षक.