अस्पताल में इलाज नहीं होने पर किया हंगामा औरंगाबाद (नगर) गुरुवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मंजूराही गांव के समीप हादसे में घायल लोगों को सदर अस्पताल आया गया था. उस दौरान न तो सदर अस्पताल में सर्जन चिकित्सक ड्यूटी पर थे और न ही कोई हड्डी के चिकित्सक. हालांकि जनरल ओपीडी में तैनात चिकित्सकों ने जख्मी होकर आये लोगों को तो प्रारंभिक इलाज किया, लेकिन न किसी जख्मियों को स्लैब लगाया और नहीं किसी को संतोषजनक जवाब दिया. इसके बाद अभाविप के छात्र नेता उज्जवल कुमार, प्रदेश मंत्री दीपक कुमार, काली, आकाश सहित अन्य लोगों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा करना शुरू कर दिया. इनलोगों का कहना है कि जिले में इस तरह की बड़ी घटना घटी है और इस अस्पताल में हड्डी के चिकित्सक उपलब्ध नहीं है और न ही किसी को अस्पताल की ओर से दवाइयां दी जा रही है, तो आखिर किस लिए सदर अस्पताल है. ऐसे अस्पताल को बंद करते हुए बाहर में यह बोर्ड लगा देना चाहिए कि यह अस्पताल इलाज के लिए नहीं बल्कि रेफर करने के लिए है. कुछ ही देर बाद उपाधीक्षक डाॅ तपेश्वर प्रसाद पहुंचे तो अभाविप के छात्रों ने कहा कि एक व्यक्ति का मात्र हड्डी टूटा है फिर भी बाहर रेफर किया जा रहा है. यह क्या अस्पताल की स्थिति है. इस पर उपाधीक्षक ने कहा कि जो हड्डी चिकित्सक हैं वे सिविल सर्जन से छुट्टी लेकर गये हुए हैं. इस पर हम कुछ नहीं कह सकते हैं. इसके बाद कुछ लोगों ने धैर्य से काम लेते हुए बेहतर इलाज के लिये बाहर रेफर किया.
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अस्पताल में इलाज नहीं होने पर किया हंगामा
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