औरंगाबाद (नगर). जिले में अभी तक किसी नहरों में सिंचाई विभाग द्वारा पानी नहीं छोड़ा गया है. इससे नहरें सूखी पड़ी हुई है, तो किसान काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं. रोहिणी नक्षत्र में किसान अपने-अपने खेतों में धान का बिचड़े की बुआई करते हैं. लेकिन, सूखी नहर होने के कारण किसान बिचड़े की बुआई नहीं कर पा रहे हैं.
जबकि, रविवार को धान का बिचड़ा डालने वाला रोहिणी नक्षत्र समाप्त हो गया. आठ जून को मृगशीरा नक्षत्र प्रारंभ होगा. यदि इस नक्षत्र में भी जिले के नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया तो किसान आह कह कर रह जायेंगे. क्योंकि, 22 जून से आद्र्रा नक्षत्र प्रारंभ होने वाला है, इस नक्षत्र में वही किसान अपने खेतों में धान का बिचड़ा डालते हैं जहां मॉनसून देर से पहुंचता है. जिले के उत्तर कोयल नहर, पूर्वी सोन नहर, हड़ियाही नहर सहित अन्य नहरें, नदी व नाले बिल्कुल सूखे हैं.
यहां तक कि पानी की जगह नदी, नहरों व नाले में धूल उड़ रहे हैं. किसान उधव सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पांच जून तक नहरों में पानी सिंचाई विभाग द्वारा छोड़ दिया जाता था. नहर में पानी आने के बाद रोहिणी नक्षत्र में धान काबिचड़े खेत में डाल देते थे. लेकिन, इस बार अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया है. इससे अभी तक धान का बिचड़े नहीं डाले जा सके हैं. इस स्थिति में क्या करे, कुछ समझ में नहीं आ रहा है.