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लाखों किसानों की टिकीं निगाहें
औरंगाबाद कार्यालय : राज्य की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना उत्तर कोयल नहर के कुटकु डैम पर भारत सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रलय द्वारा फाटक लगाने की लगायी गयी रोक हटने की उम्मीद जग गयी है. शुक्रवार को इस पर भारत सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रलय द्वारा बुलायी गयी बैठक में लगाये गये रोक […]
औरंगाबाद कार्यालय : राज्य की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना उत्तर कोयल नहर के कुटकु डैम पर भारत सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रलय द्वारा फाटक लगाने की लगायी गयी रोक हटने की उम्मीद जग गयी है.
शुक्रवार को इस पर भारत सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रलय द्वारा बुलायी गयी बैठक में लगाये गये रोक हट सकते हैं. जैसा कि सांसद सुशील कुमार सिंह ने उम्मीद जाहिर की है. अगर शुक्रवार को होनी वाली बैठक में इस परियोजना का व्यवधान दूर होता है तो औरंगाबाद, गया, अरवल व झारखंड राज्य के पलामू जिले के किसानों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित हो सकता है. इस परियोजना पर लाखों किसानों के परिवारों की निगाहें टिकी है.
2007 में लगी रोक
झारखंड से निकली कोयल नदी को बांध कर कोयल नदी का पानी कुटकु डैम में आता है और कुटकु डैम में फाटक लगा कर उत्तर कोयल नहर परियोजना में पानी आपूर्ति करना था. लेकिन, जब फाटक लगाने का काम प्रारंभ हुआ तो 2007 में भारत सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रलय ने फाटक लगाने पर रोक लगा दी.
वन व पर्यावरण मंत्रलय ने कहा कि इस काम से 6203 हेक्टेयर वन भूमि डूब जायेंगे. यह भूमि हमारी है बेतला पार्क की, जिससे हमारा टाइगर प्रोजेक्ट को भी क्षति होगी. फाटक लगाने पर लगी रोक के बाद उत्तर कोयल नहर परियोजना का भविष्य अधर में लटक गया.
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