22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रत्याशियों को अपने-अपने तर्क से विजेता बनाने का लगा रहे हिसाब, किये जा रहे जीत और हार के दावे

वोटों के रुझान से किये जा रहे जीत और हार के दावे प्रमोद तिवारी गोपालगंज : शहर से लेकर गांव तक के चौक- चौराहों पर चाय की चुस्कियों के साथ वोटों के रुझान के साथ हार-जीत का हिसाब बैठाया जा रहा. लोकसभा चुनाव में कौन बाजी मारेगा, किसके सिर पर ताज होगा, किसको कितने वोट […]

वोटों के रुझान से किये जा रहे जीत और हार के दावे
प्रमोद तिवारी
गोपालगंज : शहर से लेकर गांव तक के चौक- चौराहों पर चाय की चुस्कियों के साथ वोटों के रुझान के साथ हार-जीत का हिसाब बैठाया जा रहा. लोकसभा चुनाव में कौन बाजी मारेगा, किसके सिर पर ताज होगा, किसको कितने वोट मिलेंगे.
चुनाव के बाद अब चुनावी पंडित समर्थकों के साथ वोटों के गुणा-भाग के आधार पर हार-जीत पक्की करने में जुट गये हैं. ये चुनावी पंडित हर खेमे में अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने की अपने-अपने ढंग से हिसाब भी बता रहे हैं. हर कोई इन्हीं की बातों को सही मानकर चौराहों पर चर्चा करने में जुट गये हैं.
17वीं लोकसभा चुनाव के लिए 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. मुख्य मुकाबला एनडीए के प्रत्याशी डॉ आलोक कुमार सुमन और राजद के सुरेंद्र महान के बीच ही माना जा रहा है. इसके अलावे बसपा के कुणाल किशोर विवेक भी अपने हिसाब से जीत रहे हैं, तो निर्दलीय प्रत्याशी दीनानाथ मांझी का कहना है कि फूलगोभी चुनाव चिह्न होने के कारण कमल फूल वाला वोट उनको मिल गया है. अन्य 11 प्रत्याशी भी अपनी जीत को मान रहे हैं. मतदाताओं ने तो अपना फैसला इवीएम में बंद कर दिया है. भाग्य का फैसला 23 मई को मतगणना में होगा.
गोपालगंज में इस बार लोगों ने जमकर वोटिंग की है. मत प्रतिशत 2014 की अपेक्षा 4.60 प्रतिशत बढ़ा है. बढ़ा वोट प्रो-कंबेंसी है या एंटी-कंबेंसी, इसको भी लेकर मुख्य दोनों दलों के अलग-अलग दावे हैं. एनडीए इसे अपने पक्ष में, तो राजद सरकार विरोधी वोट बताते हुए अपने पक्ष में होने का दावा कर रहा है.
औरंगाबाद : हार-जीत के गणित पर खूब हो रहा है गुणा-भाग
सुजीत कुमार सिंह
औरंगाबाद : औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में चुनाव खत्म हो चुका है, लिहाजा चर्चाओं का दौर जारी है. चौक-चौराहे, नुक्कड़ और चाय की दुकानों पर चुनावी हार-जीत पर खूब बहस हो रही है. मंगलवार की शाम चार बजे शहर के नगर थाने के समीप एक चाय-नाश्ते की दुकान पर भी कुछ ऐसा ही माहौल था.
23 मई को होने वाली मतगणना से पहले हार-जीत के गणित पर खूब गुणा-भाग हो रहा था. कोई महागठबंधन के प्रत्याशी उपेंद्र प्रसाद को जिता रहा था, तो कोई एनडीए प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह के पक्ष में दम भर रहा था. करीब एक घंटा तक इस दुकान पर जबर्दस्त चर्चा का दौर चला. पास की ही एक दुकान से चाय पीने आये रमेश कुमार कह रहे थे कि भले ही विपक्षी नकार रहे हों, पर इस बार भी मोदी के पक्ष में लहर है.
इसी बीच शुभम कुमार उनकी बात पूरी होने से पहले ही बोलने लगे कि एनडीए को सरकार बनाने में इस बार कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. विपक्ष कहीं से भी कमजोर नहीं दिख रहा है. उन्होंने चाय का गिलास नीचे रखा ही था कि नीरज कुमार जो पेशे से शिक्षक हैं बोल पड़े कि इस बार चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहे, ऐसे में जिसने क्षेत्र में अच्छा किया होगा, जनता का समर्थन पायेगा.
इसी दौरान एक रिटायर्ड शिक्षक ने अपने चाय का बिल भरते हुए जाते-जाते कह दिया कि देश में एक बार फिर मोदी की ही सरकार बननी चाहिए. वहीं, समाजसेवी के तौर पर पहचान रखने वाले मनोज सिंह ने कहा कि इस बार के चुनाव में औरंगाबाद शहर की बदहाली पर किसी का ध्यान नहीं गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें