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वोट बहिष्कार का किया एलान

औरंगाबाद (ग्रामीण) : भाकपा माओवादी पूर्वी रिजनल ब्यूरो केंद्रीय कमेटी ने चुनाव को बहिष्कार करने का एलान किया है. पूर्वी रिजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है. प्रवक्ता ने कहा है कि सोलहवीं लोकसभा का चुनावी डंका पिटा गया है. ऐसे तो कुछ पहले से ही चुनावी माहौल […]

औरंगाबाद (ग्रामीण) : भाकपा माओवादी पूर्वी रिजनल ब्यूरो केंद्रीय कमेटी ने चुनाव को बहिष्कार करने का एलान किया है. पूर्वी रिजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी है. प्रवक्ता ने कहा है कि सोलहवीं लोकसभा का चुनावी डंका पिटा गया है. ऐसे तो कुछ पहले से ही चुनावी माहौल गरम करने हेतु जोर-शोर से हो-हल्ला शुरू हो गया है. पर अभी चुनावी डंका बजते ही शुरू हो गयी है विभिन्न चुनावबाज पार्टियों की पैतरेबाजी और उछल-कूद.

कांग्रेस-नीत यूपीए और भाजपा-नीत एनडीए सहित विभिन्न पार्टियां चुनाव जीतने की होड़ में अलग-अलग गंठजोड़ बनाने में व्यस्त है. वादावाजी-भाषणवादी और एक दूसरे के खिलाफ कीचड़ उछालने वाली बयानबाजी का शोर चारों ओर गूंज रही है. ऐसी स्थिति में आप, हम और आम जनता क्या करेंगे? क्या एक बार और वोट डाल कर वही सब शासक पार्टियों को गद्दी पर बैठायेंगे. जिन लोग तथाकथित आजादी के बाद से आज तक सरकार की गद्दी पर रह कर कारपोरेट घराने, बहुराष्ट्रीय संस्था, दलाल, पूंजीपती, सामंती, भूस्वामी, महाजन, सूदखोरों के शोषण जुल्म को बरकरार रखने के लिए उनके विश्वस्त दलाल की भूमिका पालन करने आ रहे हैं. प्रवक्ता ने कहा है कि संसद में लिये गये फैसले बड़े उद्योगपतियों व उनके तरफदार कुछ कैबिनेट मंत्रियों द्वारा लिये गये फैसले होते हैं.

संसद में किसी बील के पास होने न होने का फैसला संसद के बाहर पैसा व ताकत के खेल से तय होता है. आज आबादी का 77 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जी रहे हैं. अर्जु न सेन गुप्ता कमेटी के रिपोर्ट से इसकी पुष्टि होती है. दूसरी ओर मित्तल, जिंदल, अंबानी, टाटा, बिड़ला, रूइया, इनफोसिस, जीएमआर आदि धनाढ़ विश्व के अरबपतियो के जमात में शामिल हो गये.

‘ग्रीन हंट’ का विरोध भी

पूर्वी रिजनल ब्यूरो केंद्रीय कमेटी द्वारा जारी किये गये घोषणा पत्र में कई मामलों का जिक्र किया गया है. एक नये संविधान की आवश्यकता पर बल दिया गया है. घोषणा पत्र में एक मुक्त कृषि क्षेत्र, एक आत्मनिर्भर व स्वतंत्र उद्योग क्षेत्र, एक वास्तविक स्वैच्छिक संघ का निर्माण, एक वास्तविक धर्मनिरपेक्ष राज्य का निर्माण, एक जनवादी संस्कृति का निर्माण, एक सही लोकतांत्रिक राज्य व स्वास्थ्य केंद्र, राज्य संबंध, महिलाओं को सम्मान अधिकार, एक वास्तविक कल्याणकारी राज्य, जन पक्षीय न्याय प्रणाली, पर्यावरण का विस्थापन और एक सशक्त राष्ट्र व जनवादी पड़ोसी का जिक्र किया गया है. माओवादी प्रवक्ता संकेत ने तमाम मजदूर किसान, मेहनतकस जनता, बुद्धिजीवी, छात्र, नौजवान, महिला सहित तमाम देशभक्त, प्रगतिशील व जनवादी व्यक्तियों एवं समूहों को आह्वान करते हुए कहा है कि नये भारत के निर्माण में अपना योगदान दें. शासक वर्ग द्वारा चलाया जा रहा ग्रिन हंट युद्ध के खिलाफ जारी न्यायपूर्ण युद्ध में शामिल हों और संसद, विधानसभा व पंचायत के लिए होने वाले चुनावों का बहिष्कार करें.

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