गबन के आरोपी मिलर भी अपने चहेते के नाम पर पंजीकरण कराने की जुगत में लगे हैं
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धान अधिप्राप्ति को ले मिलरों का पंजीकरण शुरू
गबन के आरोपी मिलर भी अपने चहेते के नाम पर पंजीकरण कराने की जुगत में लगे हैं एसएफसी द्वारा कर्मी की कर दी गयी है िनयुक्ति अररिया : जिले में धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू होते ही सीएमआर आवंटन करने वाले मिलरों द्वारा एसएफसी से पंजीकरण कराने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. मिलर […]
एसएफसी द्वारा कर्मी की कर दी गयी है िनयुक्ति
अररिया : जिले में धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू होते ही सीएमआर आवंटन करने वाले मिलरों द्वारा एसएफसी से पंजीकरण कराने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. मिलर के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होते ही एसएफसी द्वारा पंजीकरण के कार्य के लिए एक कर्मी की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. जानकारी अनुसार पंजीकरण की प्रक्रिया में गबन के आरोपी मिलर भाग नहीं लें इसके लिए विशेष सतर्कता बरते जाने का विभागीय निर्देश निगम को दिया गया है. जिले के कुछ मिलरों के अलावा पूर्णिया व पश्चिम बंगाल के मिलरों पर सीएमआर गबन किये जाने को लेकर मामला दर्ज है, जो कि फरार चल रहे हैं.
बावजूद जिले के कुछ ऐसे भी मिलर हैं जिन पर खाद्यान्न गबन करने का मामला तो दर्ज है लेकिन वे अपने रिश्तेदार या अन्य के नाम से मिल संचालित कर पिछले वर्ष भी धान अधिप्राप्ति का काम कर चुके हैं. इससे यह कहना तो लाजिमी होगा कि सरकार की राशि का दुरुपयोग करने के बाद भी विभाग के मिली भगत से ऐसे लोगों का गोरखधंधा बदस्तूर जारी है.
जानकारी अनुसार पिछले वर्ष एसएफसी से 26 मिलरों द्वारा पंजीकरण कराया गया था. इसमें से लगभग 22 मिलरों ने जिले के 176 पैक्स व आठ व्यापार मंडल के साथ टैग किया गया था. इधर इस संबंध में पूछे जाने पर डीएम एसएफसी बिरेंद्र नाथ गुप्ता ने बताया कि ऐसे मामले में सतर्कता बरती जायेगी व धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया से ऐसे मिलरों को दूर रखा जायेगा. अगर निगम के किसी कर्मी की संलिप्तता इस मामले में उजागर होती है तो उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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