अररिया : मृतक कन्हैया के घर खरैयाबस्ती में उसकी मां बुलो देवी बेसुध घर के बरामदा पर पड़ी थी. मौके पर आस पड़ोस की महिलाओं की भीड़ लगी हुई थी. नौ जुलाई को कुर्साकांटा थाना क्षेत्र के गोसनगर में कन्हैया की शादी होनी थी. इसलिए मकान का रंगाई-पोताई का काम चल रहा था. भीड़ में सिसकियां थी. आंखों से आंसू टपक रहे थे. सभी नियती को कोस रहे थे कि 10 वें दिन इस आंगन से बारात निकलती. शहनाई बजती,
खुशियों की वर्षा होती और अब कन्हैया का श्राद्ध कर्म होगा. मृतक कन्हैया की भाभी रूबी देवी कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थी. वह सिर्फ शादी का निमंत्रण कार्ड दिखा कर फफक-फफक कर रो रही थी. मृतक कन्हैया की दो शादी-शुदा बहनें रेखा और सुलोचना जब ससुराल से घर आयी, तो मां को बेसुध पड़े देख दहाड़ मार कर रोने लगी.
वे कह रही थी कि शादी की खुशी को जिस किसी ने छीना है उसका भला तो कतई नहीं होगा. दोनों कभी बेसुध मां के चेहरे को पकड़ माय-माय पुकारती तो कभी कन्हैया-कन्हैया कह कर बिलखने लगती. यह देख सामाजिक कार्यकर्ता अजय यादव, नगर पार्षद बबलू मंडल, मृतक का बड़ा भाई रविंद्र यादव सहित सैकड़ों महिला व पुरुषों की आंख नम हो रही थी.