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कैसी शिक्षा . बिना पुस्तक के ही बीता शैक्षणिक सत्र, नौंवीं में नामांकन के लिए अब

देनी होगी गुणवत्ता जांच परीक्षा प्रारंभिक विद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2015-16 में जिले के 75 प्रतिशत बच्चों को बिना किताब के ही पढ़ाई करनी पड़ी. तुर्रा यह कि अब विभाग गुणवत्ता जांच परीक्षा लेने जा रही है. इसमें छात्रों को सौ फीसदी उत्तीर्ण होना आवश्यक है. अररिया : बिना किताब के हुई पढ़ाई वह भी […]

देनी होगी गुणवत्ता जांच परीक्षा

प्रारंभिक विद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2015-16 में जिले के 75 प्रतिशत बच्चों को बिना किताब के ही पढ़ाई करनी पड़ी. तुर्रा यह कि अब विभाग गुणवत्ता जांच परीक्षा लेने जा रही है. इसमें छात्रों को सौ फीसदी उत्तीर्ण होना आवश्यक है.
अररिया : बिना किताब के हुई पढ़ाई वह भी तीन माह, इसके बाद भी दक्षता चाहिए सौ प्रतिशत. यह है शिक्षा विभाग का मापदंड. प्रारंभिक विद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2015-16 में जिले के 75 प्रतिशत बच्चों को बिना पुस्तक की पढ़ाई करनी पड़ी. अब उन्हें शैक्षणिक गुणवत्ता की जांच परीक्षा देनी है. शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2015-16 के लिए जिले से भेजे गये डिमांड के आलोक में मात्र 25 प्रतिशत ही पुस्तक बिहार टेस्ट बुक कॉरपोरेशन द्वारा जिले को उपलब्ध कराया गया.
विडंबना है कि वर्ग एक से आठ तक बच्चों के लिए बाजार में भी पुस्तक उपलब्ध नहीं है, जहां सरकार एक तरफ पुस्तक उपलब्ध कराने में विफल रही, वहीं बाजार में पुस्तकें उपलब्ध नहीं रहने से बच्चों का शैक्षणिक सत्र पुस्तक के अभाव में समाप्त हो गया. गुणवत्ता मिशन के तहत बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को सभी प्रारंभिक विद्यालय में नामांकित बच्चों के लिए नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराया जाना है. शिक्षा विभाग बिहार टेस्ट बुक के माध्यम से पुस्तक की छपाई कर जिले के डिमांड के अनुसार पुस्तकें उपलब्ध कराती है.
शैक्षणिक सत्र 2015-16 के लिए जिला से नामांकित बच्चों के लिए विभिन्न विषयों के लिए पांच लाख 63 हजार 402 पुस्तकों की डिमांड भेजा गया था. इसमें से जिले को विभिन्न प्रखंडों में सभी विषयों का एक लाख 70 हजार 475 पुस्तकें ही उपलब्ध करायी थी, जो मांग के अनुसार मात्र 25 प्रतिशत ही है. अब सवाल है कि शिक्षा विभाग द्वारा एक तो पुस्तक उपलब्ध नहीं कराया गया और न ही सत्र के नौ महीने तक पठन-पाठन कार्य विद्यालय में हो पाया.
शिक्षकों की हड़ताल, विधान सभा चुनाव व सरकारी छुट्टी को जोड़ दिया जो मुश्किल से तीन माह है. विद्यालयों में पठन-पाठन कार्य नहीं हो पाया है. इस स्थिति में शिक्षा विभाग के निर्णयानुसार वर्ग आठ के छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक गुणवत्ता जांच परीक्षा से गुजरना होगा. इस दक्षता परीक्षा में सभी विषयों में पास होना आवश्यक है. जांच परीक्षा में सफल छात्र-छात्राएं ही नौवीं कक्षा में नामांकन कराने के लिए काबिलीयत माना जायेगा.
परीक्षा में पास होने पर ही होगा नौंवी में नामांकन
प्रखंडों में उपलब्ध करायी गयी पुस्तकें
प्रखंड हिंदी उर्दू मिक्स
पलासी 10.191 3,360 11,330
सिकटी 13,012 14,46 2235
फारबिसगंज 22,350 3899 6525
अररिया 12,270 5751 15,315
नरपतगंज 8.900 32 1750
भरगामा 19.709 1122 1619
रानीगंज 18.029 738 1889
कुर्साकांटा 4.601 208 208
जोकीहाट 3.969 00 00
कुल 1,13,031 16577 40876
कहते हैं एसएसए के डीपीओ
जिले में डिमांड के अनुसार विभाग से पुस्तकों का आवंटन नहीं हुआ. इसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित होना लाजिमी है. लेकिन विभागीय आदेशानुसार बच्चों की परीक्षा ली जानी है. सरकार के द्वारा निर्देशित है कि दक्षता जांच परीक्षा में बच्चों को विषय वार उत्तीर्ण होना आवश्यक है. वर्ग आठ के परीक्षा परिणाम के अनुसार वर्ग नौवीं में छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा.
सुभाष कुमार गुप्ता, एसएसए के डीपीओ

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