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जाली नोट से महंगी मोबाइल खरीदने पहुंचा दुकान, पकड़ा गया

जाली नोट से महंगी मोबाइल खरीदने पहुंचा दुकान, पकड़ा गया- अररिया के बीएससी पार्ट टू के छात्र के पास से गांधी मैदान पुलिस ने बरामद किया 57 हजार- दुकान में लगी जाली नोट पहचानने की मशीन से पकड़ा गया सारा रुपया- अररिया के किराना दुकानदार से मिला था छात्र काे सारा रुपया, पुलिस कर रही […]

जाली नोट से महंगी मोबाइल खरीदने पहुंचा दुकान, पकड़ा गया- अररिया के बीएससी पार्ट टू के छात्र के पास से गांधी मैदान पुलिस ने बरामद किया 57 हजार- दुकान में लगी जाली नोट पहचानने की मशीन से पकड़ा गया सारा रुपया- अररिया के किराना दुकानदार से मिला था छात्र काे सारा रुपया, पुलिस कर रही छानबीनसंवाददाता, पटनाअररिया के जोकीहाट से जाली नोट लेकर गांधी मैदान थाना के फ्रेजर रोड में टाटा जोन मोबाइल दुकान में सोनी कंपनी का 59 हजार रुपये की महंगी मोबाइल खरीदने के चक्कर में रहा छात्र तौफिक रजा (अररिया, सिमरा, डोरिया सोनापुर) को पकड़ लिया गया. इसके बाद उसे गांधी मैदान पुलिस के हवाले कर दिया गया. तौफिक मोबाइल खरीद कर आसानी से निकल जाता, अगर पैसे को चेक करने के लिए जाली नोट पहचानने वाली मशीन में सत्यापन नहीं किया जाता. मोबाइल फोन की रसीद तक बन गयी थी और उसके हाथ में मोबाइल आ भी गया था. उसने मोल-भाव कर 59 हजार का मोबाइल 57 हजार में तय कर लिया था, लेकिन जैसे ही दुकानदार ने मशीन में पैसा डाला, वैसे ही सारा नोट बाहर आ गया और उसकी चालाकी पकड़ी गयी. तौफिक अररिया कॉलेज, अररिया में बीएससी(मैथ) पार्ट टू का छात्र है और एक ठेकेदार के यहां काम भी करता है. इधर, उसकी जानकारी के बाद पुलिस टीम आरोपी को पकड़ने के लिए अररिया रवाना हो चुकी है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि युवक से पूछताछ की जा रही है. इसमें कई लोगों के नाम सामने आये हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है.किराना दुकानदार ने मोबाइल खरीदने के लिए दिया था 59 हजार का जाली नोटपूछताछ के बाद तौफिक ने पुलिस को बताया कि उसे अररिया के जोकीहाट निवासी किराना दुकानदार राजा ने 59 हजार रुपये दिये थे और पटना से मोबाइल फोन खरीद कर लाने को कहा था. वह जिस ठेकेदार के यहां काम करता है, वहां कर्मचारियों के लिए खाने का राशन उसी दुकान से आता था, जिसके कारण उसकी दोस्ती हो गयी. इसके बाद वह पटना में मोबाइल फोन खरीदने पहुंच गया.खाया पाव-भाजी, नहीं पकड़ पाया दुकानदारतौफिक के अनुसार वह 59 हजार लेकर बस के माध्यम से मंगलवार को ही पटना पहुंचा. इसके बाद वह खेतान मार्केट गया और वहां किराना दुकानदार राजा के बड़े भाई रब्बानी की सास को एक हजार रुपये दिया. इसके बाद उसने खेतान मार्केट के पास ही एक दुकान में पाव-भाजी खाया और उसे उसी पैसे में से एक हजार दिया, लेकिन दुकानदार नहीं पकड़ पाया और बाकी के पैसे लौटा भी दिये.अगर मशीन नहीं रहती, तो नहीं पकड़ा जाताअगर दुकान में नोट पहचानने वाली मशीन नहीं होती, तो तौफिक वहां से आसानी से मोबाइल फोन लेकर निकल जाता. नोट में ऐसी कोई भी कमी नहीं थी, जिससे यह पहचान हो सके कि वह नकली नोट है. यहां तक कि पुलिस पदाधिकारी ने थाना में ही चेक करने के लिए एक ऑरिजनल व एक जाली नोट को रख दिया और उसे पहचानने के लिए अन्य लोगों को कहा, लेकिन जाली नोट को कोई नहीं पहचान पाया.

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