वहीं कार्यक्रम का संचालन कारी नियाज अहमद कासमी ने किया. रविवार को देर रात तक चले जलसा के दौरान पटना से आये मौलाना मुफ्ती ओबैदुल्लाह कासमी सहित अन्य उलेमाओं ने कहा कि कुरआन को सुन कर दिल को सुकून व करार मिलता है. हिफ्ज करने वालों के दिलों में हर समय कुरआन बसा रहता है.
बच्चों को दीनदार बनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चे दीनदार हो जायें, तो समाज में फैली बुराइयों का खात्मा हो सकता है. जलसा के दौरान मुफ्ती इनामुल बारी, मुफ्ती अलीमुद्दीन, मौलाना जाहिद हलीमी, मौलाना फैयाज आलम नदवी, मुफ्ती तंजीलुर्रहमान व अरशद अनवर अलिफ ने भी अपने विचार रखे. धन्यवाद ज्ञापन मदरसा के नाजिम मो गालिब कासमी ने किया. बताया गया कि जलसा को सफल बनाने में फिरोज आलम, मौलाना मुजीबुर्रहमान, नजरूल बारी आदि ने अहम योगदान दिया.