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किसान आत्महत्या की हो सीबीआइ जांच: नंदकिशोर
खिजरसराय : राज्य सरकार किसानों की हितैषी होने का ढोंग करती है. वह किसानों की सबसे बड़ी दुश्मन है. धान खरीद के मामले में सरकार ने 48 घंटे के अंदर किसानों को पैसे भुगतान करने का वादा किया था, जो विफल हो गया.पैसे मिलने में देरी होने के कारण किसान आर्थिक संकट से जूझने लगे […]
खिजरसराय : राज्य सरकार किसानों की हितैषी होने का ढोंग करती है. वह किसानों की सबसे बड़ी दुश्मन है. धान खरीद के मामले में सरकार ने 48 घंटे के अंदर किसानों को पैसे भुगतान करने का वादा किया था, जो विफल हो गया.पैसे मिलने में देरी होने के कारण किसान आर्थिक संकट से जूझने लगे और आत्महत्या करने लगे. सरकार ने एक किसान की मौत की कीमत सिर्फ चार लाख रुपये लगायी है. क्या मौत की कीमत सिर्फ चार लाख रुपये है?
सरकार ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं करती है कि पैसे भुगतान की प्रक्रिया सरल हो और किसानों को यह दिन नहीं देखना पड़े. ये बातें विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने प्रेसवार्ता में कहीं. वह खिजरसराय के कोडिहरा गांव में आत्महत्या कर चुके किसान भरत शर्मा के परिजनों को ढाढ़स बंधाने पहुंचे थे.
उन्होंने धान खरीद में हुई गड़बड़ी व किसान आत्महत्या के मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की. श्री यादव ने कहा कि किसानों के बकाया पैसों का जल्द-से-जल्द भुगतान किया जाये. धान खरीद में हुई गड़बड़ी व किसान आत्महत्या के मामले की सीबीआइ जांच करायी जाये.
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