सिकटी: नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार हुई वर्षा के कारण उफनाई नुना नदी में अचानक आयी बाढ़ से प्रखंड के पूर्वी भाग के कई गांव जलमगA हो गये हैं. सैकड़ों एकड़ में लगी फसल डूब गयी है. बाढ़ का पानी फिलहाल सैदाबाद, गदहाकाट, बेलगुडी, दहगामा, पड़रिया, खान टोला, कचना, बलिगढ़, सिंघिया, औलाबाड़ी, बगुलाडांगी सहित दर्जनों गांव में फैल गया है.
मध्य विद्यालय सालगोडी व मध्य विद्यालय कचना में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. सालगोडी से पश्चिम आधा किलोमीटर तक सड़क पानी में डूबा हुआ है. बाढ़ की सूचना पर पूर्व प्रमुख कमरूज्जमा, सीओ विजय शंकर सिंह, अंचल निरीक्षक विजय लाल दास ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया व स्थिति का आकलन किया. इधर बाढ़ से प्रभावित परिवारों का हाल जानने के लिए सभी राजस्व कर्मचारियों को प्रभावित इलाके में भेजा गया है. प्रभावित परिवारों के बीच तत्काल चूड़ा व गुड़, मोमबत्ती आदि वितरण करने का आदेश सीओ ने दिया है. इधर जलस्तर में कमी आने के संकेत से लोगों ने राहत की सांस ली है. पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रशासन से उचित राहत उपलब्ध कराने की मांग की है. कई बाढ़ प्रभावित परिवार पंचायत भवन सालगोडी व बाढ़ शेड में शरण लिए हुए हैं.
जोकीहाट प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र के लगभग दर्जन भर गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बिन बरसात आयी बाढ़ से तारण, काकन, डूब्बा, बौरिया, सिमरिया, बगडहरा, फरसाडांगी, रहड़िया आदि गांव जलमगA हो गये हैं. बाढ़ से सबसे बुरा हाल रहड़िया और फरसाडांगी गांव का है जिसे बकरा नदी चारों ओर से अपने गर्भ में लिये हुए है. हर वर्ष यहां के लोग बकरा नदी के कटाव का शिकार होते हैं. ऊपर से अचानक बाढ़ का भी कहर आता है.
ग्रामीण तबरेज, खुर्शिद, मंजर आदि ने बताया कि पूर्व में आयी बाढ़ से ही लोग बेघर हो गये हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया गया. अभी तो बिन बरसात की बाढ़ आयी है. लोग इस भयंकर बाढ़ से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं. अभी तक प्रशासन की ओर से कोई सुधि लेने के लिए कोई नहीं आया है.